By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 24, 2020
उन्होंने कहा कि राज्य शासन की नीतियां कोविड-19 से निपटने में किस कदर अमानवीय है इसका प्रमाण पूरे प्रदेश के अस्पतालों में मिल रहा है। 10 दिसंबर की स्थिति में बिलासपुर के जिला अस्पताल के 1950 से अधिक मरीजों के ऑपरेशन वेटिंग लिस्ट में हैं क्योंकि अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर के चारों ओर कोविड-19 के आईसोलेशन केन्द्र स्थापित कर दिए गए हैं। इस बेतुके निर्णय से ऑपरेशन के अभाव में 10 से अधिक मरीजों की जान चली गई। बाकी बचे गरीब मरीज अपना घर और जेवर गिरवी रखकर निजी अस्पतालों में इलाज करवाने के लिए बाध्य हुए हैं। भाजपा के विधायकों ने कहा कि कोविड सेंटरों में अव्यवस्था के चलते राज्य में मरीजों की संख्या दो लाख 50 हजार से अधिक पहुंच गई है। रोज कोविड-19 के सेंटरों में कोई न कोई आत्महत्या कर रहा है। जवाब में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ शासन कोरोना संक्रमण की वैश्विक महामारी से बचाव और उपचार के लिए विवेकपूर्ण तथा चरणबद्ध अग्रिम तैयारियों से इस महामारी के गंभीर प्रकोप से प्रभावी तरीके से नियंत्रित करने में सफल रहा है।
सिंहदेव ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में कोरोना संक्रमण से मृत्यु की दर कम है। राज्य में कोरोना संक्रमण से बचाव और रोकथाम की समुचित तैयारियों के कारण ही कोरोना से मृत्यु का पहला प्रकरण संक्रमण के प्रथम प्रकरण के बहुत समय बाद घटित हुआ। मंत्री ने कहा कि राज्य में परीक्षण की क्षमता बढ़ाकर कोविड मरीजों की जल्द पहचान और उपचार के लिए लगातार प्रयास के कारण मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। छत्तीसगढ़ में 92 प्रतिशत व्यक्ति उपचार के बाद स्वस्थ्य हो चुके हैं। मंत्री के जवाब से विपक्ष के सदस्य संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने कहा कि भविष्य में कोरोना से निपटने के लिए राज्य सरकार के पास कोई कार्ययोजना नहीं है। बाद में उन्होंने सदन से बहिर्गमन कर दिया।