By अभिनय आकाश | Dec 16, 2025
भारत अगले महीने स्विट्जरलैंड के स्की रिसॉर्ट शहर दावोस में होने वाले विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराने के लिए तैयार है। तीन वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, शिवराज सिंह चौहान और प्रल्हाद जोशी - देश के पांच मुख्यमंत्रियों और 100 से अधिक सीईओ के साथ शामिल होंगे। मुख्यमंत्रियों में महाराष्ट्र के देवेंद्र फडणवीस, आंध्र प्रदेश के एन चंद्रबाबू नायडू, असम के हिमंता बिस्वा शर्मा, मध्य प्रदेश के मोहन यादव और तेलंगाना के ए रेवंत रेड्डी शामिल हैं। इसके अलावा, गुजरात के उपमुख्यमंत्री हर्ष रमेशभाई संघवी और उत्तर प्रदेश का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी 18 से 24 जनवरी, 2026 तक दुनिया भर के धनी और शक्तिशाली लोगों के पांच दिवसीय वार्षिक सम्मेलन दावोस में भाग लेने के लिए जाएगा।
इस पांच-दिवसीय बैठक में रेल, सूचना एवं प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, नवीन एवं नवीकरणीय मंत्री प्रल्हाद जोशी और नागर विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू शामिल होंगे। वहीं, मुख्यमंत्रियों में महाराष्ट्र के देवेंद्र फडणवीस, आंध्र प्रदेश के एन चंद्रबाबू नायडू, असम के हिमंत विश्व शर्मा, मध्य प्रदेश के मोहन यादव और तेलंगाना के ए. रेवंत रेड्डी इस बैठक का हिस्सा बनेंगे। इसके साथ गुजरात के उपमुख्यमंत्री हर्ष रमेशभाई सांघवी और उत्तर प्रदेश का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी दावोस जाएगा। आगामी दिनों में कुछ अन्य राज्यों के प्रतिनिधिमंडलों की भी घोषणा होने की संभावना है। डब्ल्यूईएफ की यह बैठक 18 से 24 जनवरी, 2026 के बीच आयोजित होगी। इस वैश्विक शिखर सम्मेलन में करीब 130 देशों के लगभग 3,000 वैश्विक नेता भाग लेंगे, जिनमें करीब 60 राष्ट्राध्यक्ष और सरकार प्रमुख शामिल होंगे। भारतीय उद्योग जगत से रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी, टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन, बजाज समूह के संजीव बजाज और जूबिलेंट भरतिया समूह के हरि एस भरतिया भी इस बैठक में हिस्सा लेंगे।
पाकिस्तान से प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार, वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी भी उपस्थित रहेंगे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूईएफ) के अनुसार, 'संवाद की भावना' विषय पर आधारित यह बैठक एक निष्पक्ष मंच की आवश्यकता को पूरा करने का प्रयास करेगी जो नेताओं को साझा चुनौतियों का सामना करने और भविष्य को परिभाषित करने वाले नवाचारों को आगे बढ़ाने के लिए जोड़ता है। बैठक में पांच वैश्विक चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जहां सार्वजनिक-निजी सहयोग महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है: अधिक प्रतिस्पर्धी दुनिया में सहयोग, विकास के नए स्रोतों को खोलना, लोगों में बेहतर निवेश, नवाचार को व्यापक और जिम्मेदारी से लागू करना और वैश्विक सीमाओं के भीतर समृद्धि का निर्माण करना।