By अभिनय आकाश | Jan 28, 2025
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी की दुनिया का सबसे नया और सबसे बड़ा बज वर्ड बन चुका है। अपने आसपास ये शब्द सुनकर आपने इन शब्दों को कई बार सुनकर हमें इससे क्या कहते हुए अनसुना भी कर दिया होगा। लेकिन जाने अनजाने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हम सभी की जिंदगी का एक अहम हिस्सा बनता जा रहा है। टेक्नोलॉजी में हर रोज नए नए एडवांसमेंट आ रहे हैं। अपनी जिंदगी को आसान बनाने के लिए नए नए अविष्कार किए जा रहे हैं। चीन की नई कंपनी डीपसीक को लेकर अमेरिका टेंशन में आ गया है। जापान भी हिला हुआ है। इन सब के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि जिस तरह से यह चीनी एआई ऐप तेजी के साथ पॉपुलर हो रहा है, इसे देखकर अमेरिकी टेक कंपनियों की आंखें खुल जानी चाहिए।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा क उन्हें अभी भी आशा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में अमेरिकी टेक कंपनियों का प्रभाव रहेगा, लेकिन वह देख रहे हैं कि, यह चाइनीज ऐप भी चुनौती दे रहा है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि एक चाइनीज कंपनी की ओर से बनाए गए डीपसीक एआई ऐप से हमारी कंपनियों की आंखें खुल जानी चाहिए कि अब हमें ज्यादा फोकस करने की जरूरत है। मालूम हो कि, जबसे यह डीपसीक ऐप आया है, तब से ही मेटा और ओपन एआई जैसी कंपनियां परेशान हैं. स्टॉक मार्केट पर भी इस ऐप ने असर डाला है। हालाँकि, डीपसीक ने कुछ देशों में साइबर सुरक्षा संबंधी चिंताओं को उठाया है और ऑस्ट्रेलियाई विज्ञान मंत्री एड ह्युसिक ने सावधानी बरतने का आग्रह किया है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय प्रसारक एबीसी से कहा गुणवत्ता, उपभोक्ता प्राथमिकताओं, डेटा और गोपनीयता प्रबंधन पर ऐसे कई प्रश्न हैं जिनका समय पर उत्तर देने की आवश्यकता होगी।
चीनी प्रौद्योगिकी स्टार्टअप डीपसीक पर साइबर हमला हुआ, जिससे उपयोगकर्ताओं को साइट पर पंजीकरण करने में दिक्कत हुई। कंपनी ने यह जानकारी दी। अपने एआई (कृत्रिम मेधा) चैटबॉट से प्रौद्योगकी क्षेत्र की दुनिया में खलबली मचाने वाली कंपनी डीपसीक ने कहा कि उसकी सेवाओं पर बड़े पैमाने पर दुर्भावनापूर्ण हमले किए गए हैं। डीपसीक ने कहा कि पंजीकृत उपयोगकर्ता सामान्य रूप से लॉग इन कर सकते हैं। डीपसीक ने पिछले महीने नया एआई मॉडल जारी कर एआई जगत में दुनिया का ध्यान आकर्षित किया।