SAARC की जगह नया संगठन बनाने की तैयारी कर रहे China और Pakistan, South Asia में क्षेत्रीय राजनीति नए मोड़ पर

By नीरज कुमार दुबे | Jul 01, 2025

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस- SAARC) एक समय क्षेत्रीय एकता और आर्थिक सहयोग का प्रतीक माना जाता था। परंतु भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के चलते दक्षेस पिछले कुछ वर्षों से निष्क्रिय हो गया है। ऐसे में पाकिस्तान और चीन एक नए क्षेत्रीय समूह की स्थापना पर कार्य कर रहे हैं, जो दक्षिण एशिया और पड़ोसी क्षेत्रों में भू-राजनीतिक समीकरणों को नया रूप दे सकता है। हम आपको बता दें कि 1985 में स्थापित इस संगठन में आठ सदस्य देश शामिल हैं- भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, भूटान, मालदीव और अफगानिस्तान। 


हम आपको बता दें कि 2016 में उरी हमले के बाद भारत ने इस्लामाबाद में प्रस्तावित दक्षेस शिखर सम्मेलन का बहिष्कार कर दिया था, जिसके बाद से कोई भी शिखर सम्मेलन आयोजित नहीं हुआ है। साल 2014 में काठमांडू में हुए शिखर सम्मेलन के बाद से दक्षेस का कोई द्विवार्षिक शिखर सम्मेलन नहीं हुआ है। दरअसल दक्षेस की नीतियों में आम सहमति की आवश्यकता होती है, परंतु कई मुद्दों पर सदस्य देश एकमत नहीं हो पाते, जिससे निर्णय प्रक्रिया धीमी हो जाती है। भारत ने दक्षेस की निष्क्रियता के बीच BIMSTEC (बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल) को प्राथमिकता देना शुरू कर दिया है, जिसमें पाकिस्तान सदस्य नहीं है।

इसे भी पढ़ें: China ने रोकी भारत की सप्लाई, चट्टान बनकर सामने खड़ा हो गया जापान

वहीं, चीन दक्षिण एशिया में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए "चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC)" जैसी परियोजनाओं के माध्यम से पहले से ही सक्रिय है। अब वह दक्षिण एशिया और मध्य एशिया के कुछ देशों को मिलाकर एक वैकल्पिक क्षेत्रीय संगठन की संभावना पर काम कर रहा है। रिपोर्टों के मुताबिक, पाकिस्तान चाहता है कि ऐसा कोई मंच हो जहां भारत का प्रभाव सीमित हो और उसे चीन जैसे शक्तिशाली साझेदार का समर्थन प्राप्त हो। यह मंच दक्षेस के समान ही व्यापार, संपर्क और रणनीतिक सहयोग पर केंद्रित होगा, लेकिन इसमें भारत की अनुपस्थिति या सीमित भूमिका होगी। बताया जा रहा है कि चीन और पाकिस्तान के इस नए मंच में अफगानिस्तान, ईरान, मध्य एशिया के कुछ देश (जैसे ताजिकिस्तान, उज़्बेकिस्तान) और संभवतः श्रीलंका और नेपाल जैसे दक्षिण एशियाई देश शामिल हो सकते हैं, जो चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) में पहले से भागीदार हैं।


दूसरी ओर, भारत इस नए मंच को रणनीतिक चुनौती के रूप में देख सकता है, विशेष रूप से यदि दक्षिण एशियाई देशों का रुझान चीन की ओर बढ़ता है। भारत ने BIMSTEC, क्वाड (QUAD) और इंडो-पैसिफिक फ्रेमवर्क जैसे मंचों के माध्यम से क्षेत्रीय सहयोग को नया आयाम देने की कोशिश की है। मगर इस नई पहल को संतुलित करने के लिए भारत को अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को और मजबूत करने की आवश्यकता होगी।


हम आपको बता दें कि पाकिस्तान के ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार ने लिखा है कि इस्लामाबाद और बीजिंग के बीच बातचीत अब आगे के चरण में है, क्योंकि दोनों पक्ष इस बात से आश्वस्त हैं कि क्षेत्रीय एकीकरण और संपर्क के लिए एक नया संगठन आवश्यक है। सूत्रों का हवाला देते हुए अखबार ने कहा है कि यह नया संगठन संभावित रूप से क्षेत्रीय संगठन दक्षेस की जगह ले सकता है। उन्होंने कहा कि चीन के कुनमिंग में पाकिस्तान, चीन और बांग्लादेश की हाल में हुई त्रिपक्षीय बैठक इन कूटनीतिक प्रयासों का ही हिस्सा थी। सूत्रों के अनुसार, इसका लक्ष्य अन्य दक्षिण एशियाई देशों को, जो दक्षेस (सार्क) का हिस्सा थे, उनको नए समूह में शामिल होने के लिए आमंत्रित करना है।


हालांकि, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने ढाका, बीजिंग और इस्लामाबाद के बीच किसी भी उभरते गठबंधन के विचार को खारिज कर दिया और कहा कि बैठक ‘राजनीतिक’ नहीं थी। विदेश मामलों के सलाहकार एम तौहीद हुसैन ने कहा, ‘‘हम कोई गठबंधन नहीं बना रहे हैं।’’ अखबार ने कहा कि नए संगठन का मुख्य उद्देश्य व्यापार और संपर्क बढ़ाकर अधिक क्षेत्रीय जुड़ाव की संभावना तलाशना है। इसमें कहा गया है कि यदि प्रस्ताव को मूर्त रूप दिया जाता है, तो यह दक्षेस की जगह लेगा, जिसे भारत-पाकिस्तान संघर्ष के कारण लंबे समय से निलंबित कर दिया गया है।


बहरहाल, इसमें कोई दो राय नहीं कि दक्षेस की निष्क्रियता से पैदा हुए भू-राजनीतिक शून्य को भरने के लिए चीन और पाकिस्तान जो कुछ कर रहे हैं वह दरअसल क्षेत्रीय प्रभाव और रणनीतिक संतुलन बनाने का प्रयास है। आने वाले वर्षों में यह स्पष्ट होगा कि यह नया समूह दक्षेस का विकल्प बन पाएगा या नहीं, परंतु इतना निश्चित है कि दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय राजनीति एक नए मोड़ पर पहुंच चुकी है।

प्रमुख खबरें

Vishwakhabram: Modi Putin ने मिलकर बनाई नई रणनीति, पूरी दुनिया पर पड़ेगा बड़ा प्रभाव, Trump समेत कई नेताओं की उड़ी नींद

Home Loan, Car Loan, Personal Loan, Business Loan होंगे सस्ते, RBI ने देशवासियों को दी बड़ी सौगात

सोनिया गांधी पर मतदाता सूची मामले में नई याचिका, 9 दिसंबर को सुनवाई

कब से सामान्य होगी इंडिगो की उड़ानें? CEO का आया बयान, कल भी हो सकती है परेशानी