देश के पड़ोसी राज्यों में चीन के प्रभाव को कम करने के लिए भारत सरकार रणनीति बनाने में जुट गई है। भूटान भी उन देशों में शामिल है जहां चीन अपना प्रभाव जमाने की कोशिश कर रहा है। हालांकि चीन के इस मंसूबे को नाकाम करने के लिए भारत सरकार काफी सजग हो गई है। सरकार अपने हिमालयी देशों के साथ पुराने संबंधों को और मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, म्यान्मार जैसे देशों में चीन अपने वर्चस्व को बढ़ाने की लगातार कोशिश कर रहा है। इतना ही नहीं, इन देशों को चीन भारत के खिलाफ भड़काने की भी कोशिश समय-समय पर करता है। ऐसे में देश की सरकार चीन के हर उस मंसूबे को नाकाम करना चाहती है जो भारत के कूटनीतिक रिश्तो को नुकसान पहुंचा सके।
कोरोना संकट और चीन से बढ़ते तनाव के बीच मोदी सरकार ने भूटान के साथ ट्रेड पॉइंट से लेकर रेल लिंक तक के सभी प्रयास कर रही है। सरकार के इस काम का उद्देश्य भूटान को चीन के प्रभाव से दूर रखना है। इतना ही नहीं, भारत एक और इंटीग्रेटेड खोलने के बारे में विचार कर रहा है। पिछले हफ्ते ही दोनों देशों के बीच एक नया ट्रेड रूट खुला है। इसके अलावा भारत सरकार भूटान के एक और अस्थाई लैंड कस्टम स्टेशन खोलने के अनुरोध को भी स्वीकार कर सकता है। इससे भूटान को भारत के साथ-साथ बांग्लादेश में भी अपने निर्यात को बढ़ाने में मदद मिल सकेगी।
भूटान पर चीन की गहरी नजर है क्योंकि चीन अपनी विस्तारवादी नीति पर काम करता रहता है। भूटान भारत का एकमात्र ऐसा पड़ोसी है जिसने चीन के बीआरई का हिस्सा बनने से इंकार कर दिया था। इसके बाद से ही भारत इस बात को भलीभांति समझ पा रहा है कि चीन भूटान पर लगातार अपना दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। हाल फिलहाल में ही उसने भूटान और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्से पर अपना दावा पेश कर दिया था। इन सबके बीच भारत भूटान के साथ अपने पारंपरिक और कारोबारी रिश्ते को नई उड़ान देने की कोशिश कर रहा है। पश्चिम बंगाल के मुंजाई और भूटान के नायनोपोलिंग के बीच ट्रेन लिंक स्थापित करने की योजना पर काम किया जा रहा है।
इसके साथ-साथ लैंड पोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया पश्चिम बंगाल के जलगांव में एक इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट भी बनाने पर विचार कर रहा है। इसके अलावा भूटान को करीब से समझने वाले लोग यह कहते हैं कि भूटान की चाहत भारत और बांग्लादेश बॉल्डर और रिवर बोर्ड मेटेरियल एक्सपोर्ट करने की है। उसके इस इच्छा को पूरा करने में भारत हर संभव मदद कर सकता है। फिलहाल लद्दाख मसले को लेकर भारत और चीन के बीच तनाव चल रहा है। ऐसे में चीन भारत के पड़ोसियों को लगातार भड़काने की कोशिश कर रहा है। ऐसे वक्त में अगर भारत भूटान को अपने साथ रख पाने में कामयाब रहता है तो जाहिर सी बात है इसमें वर्तमान सरकार के प्रयासों को सफलता मिलेगी।