By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 02, 2018
बीजिंग। चीन ने अमेरिकी ग्लोबल पोजिशन सिस्टम (जीपीएस) की प्रतिस्पर्धा में घरेलू विकसित बीदाऊ ग्लोबल सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए शुक्रवार को एक और उपग्रह पृथ्वी की उच्च कक्षा में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर दिया। सरकारी नियंत्रण वाले मीडिया शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार राज्य के दक्षिण-पश्चिम सिचुआन प्रांत में शीचांग उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से यह उपग्रह प्रक्षेपित किया गया। इसे लांग मार्च-3बी करियर रॉकेट से अंतरिक्ष में भेजा गया। यह बीदाऊ नेविगेशन प्रणाली का 41 वां उपग्रह है और यह पहले से ही कक्षा में कार्यरत 16 अन्य बीदाऊ -3 उपग्रहों के साथ काम करेगा।
यह पृथ्वी के ऊपर 36,000 किलोमीटर की दूरी पर स्थित उच्च कक्षा में भेजा गया पहला बीदाऊ-3 उपग्रह भी है। इस उच्च कक्षा को भूस्थैतिक कक्षा कहा जाता है। इस कक्षा में भेजे गए उपग्रह पृथ्वी से लगातार एक ही बिंदु से दिख सकते हैं। यानी इन पर धरती के घूमने का असर नहीं होता क्योंकि इस दूरी पर उपग्रह और धरती एक ही गति से घूमते हैं। एक समान गति के कारण इस कक्षा के उपग्रह पृथ्वी से स्थिर लगते हैं। रिपोर्ट में प्रणाली के मुख्य डिजायनर यांग चांगफेंग के हवाले से बताया गया है कि चीन के प्रस्तावित बेल्ट एंड रोड पहल (बीआरआई) में शामिल देशों की सेवा के लिए वर्ष के अंत तक बीदाऊ-3 उपग्रहों के साथ एक मूल प्रणाली की व्यवस्था काम करने लगेगी। यह वर्ष बीदाऊ उपग्रहों के सघन प्रक्षेपणों के नाम रहा है।
यांग ने कहा कि चीन इस वर्ष के अंत तक अंतरिक्ष में अन्य दो उपग्रहों का प्रक्षेपण करेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि रेडियो नेविगेशन प्रणाली के अलावा, यह उपग्रह एक बेहतर रेडियो निर्धारण उपग्रह सेवा से लैस है जो प्रत्येक घंटे एक करोड़ ग्राहकों को लघु संदेश भेज सकता है। बीदाऊ -3 श्रृंखला के मुख्य डिजाइनर पैन युकियन ने कहा, "यदि कोई नेविगेशन सिग्नल गलत हो जाता है, तो सैटेलाइट अन्य सिग्नल पर जाने के लिए उपयोगकर्ताओं को 6 सेकंड के भीतर सूचित कर सकता है।"उपग्रह पर हाइड्रोजन और रूबिडियम परमाणु घड़ियों को लगाया गया है, जो स्थिति और समय सटीकता में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगी। बीदाऊ प्रणाली ने 2000 में चीन और 2012 में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सेवाएं देना शुरू कर दिया था। अमेरिकी जीपीएस प्रणाली, रूस की ग्लोनास और यूरोपीय संघ के गैलीलियो के पश्चात यह चौथी वैश्विक उपग्रह नेविगेशन प्रणाली होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 2020 तक, जब बीदाऊ प्रणाली वैश्विक हो जायेगी, तो इसमें 30 से अधिक उपग्रह होंगे।