ट्रंप ने कोमे को एफबीआई निदेशक पद से मई में हटा दिया था और उसके अगले सप्ताह ही मुलर को ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव अभियान और साल 2016 के राष्ट्रपति चुनाव परिणाम में रूस के संभावित प्रभाव की जांच के लिए विशेष काउंसल नियुक्त किया था। इस जांच में कोमे को पद से हटाए जाने की जांच भी शामिल है। ट्रंप का समारोह में नहीं आना काफी अचरज की बात थी। इससे पहले अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा 2013 में कोमे को एफबीआई निदेशक बनाए जाने के कार्यक्रम में शामिल हुए थे और उनकी भूरी-भूरी प्रशंसा की की थी। वरे ने कहा, “हमारा मिशन सरल, लेकिन गंभीर, हमें अमेरिका के लोगों की सुरक्षा और संविधान की रक्षा करती है।
यह मिशन ना बदला है और ना कभी बदलेगा, कम से कम उस वक्त तक नहीं जब तक मैं हूं।’’ एफबीआई मिशन को लेकर सामान्य संबंधों पर उन्होंने कहा, “हम स्वतंत्र रूप से तथ्यों को परखने वाले हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह तथ्य कहां लेकर जाएंगे और कौन इन्हें पसंद करेगा।” अटॉर्नी जनरल जेफ सेसंस ने वरे की प्रशंशा करते हुए उन्हें तेज तर्रार, परिश्रमी और देशभक्त बताया। एफबीआई निदेशक की नियुक्त 10 साल के लिए होती है। मुलर की नियुक्ति साल 2011 में सितंबर में हुए हमले से पहले हुई थी। इन्होंने 12 साल तक सेवा दी थी लेकिन कोमे को चौथे साल में ही पद से हटा दिया गया।