Cipla 130 करोड़ रुपये में आइविया ब्यूटी के सौंदर्य प्रसाधन, व्यक्तिगत देखभाल वितरण व विपणन व्यवसाय का करेगी अधिग्रहण

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 16, 2024

नयी दिल्ली । प्रमुख दवा कंपनी सिप्ला लिमिटेड 130 करोड़ रुपये में आइविया ब्यूटी प्राइवेट लिमिटेड के दुनिया भर में सौंदर्य प्रसाधन व व्यक्तिगत देखभाल वितरण तथा विपणन व्यवसाय का अधिग्रहण करेगी। इसमें उसके ब्रांड एस्टाबेरी, आइकिन और भीमसैनी भी शामिल हैं। 


कंपनी ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि एक पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी तथा उपभोक्ता स्वास्थ्य सेवा शाखा सिप्ला हेल्थ लिमिटेड (सीएचएल) ने आइविया ब्यूटी प्राइवेट लिमिटेड के सौंदर्य प्रसाधन व व्यक्तिगत देखभाल व्यवसाय के वितरण और विपणन व्यवसाय उपक्रम की खरीद के लिए एक ‘बिजनेस ट्रांसफर एग्रीमेंट’ (बीटीए) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह रणनीतिक कदम सिप्ला के अपने उपभोक्ता स्वास्थ्य देखभाल और कल्याण खंड को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने के अनुरूप है। कंपनी ने कहा कि इस अधिग्रहण में आइविया ब्यूटी के एस्टाबेरी, आइकिन और भीमसैनी ब्रांड शामिल होंगे। 



अधिग्रहण की लागत पर सिप्ला ने कहा, ‘‘ अंतिम तिथि पर यह 130 करोड़ रुपये और बीटीए में अगले तीन वर्षों के लिए उल्लिखित कुछ वित्तीय मापदंड पूरे होने पर 110 करोड़ रुपये होगी।’’ कंपनी के अनुसार, ‘‘ लेन-देन के बीटीए पर हस्ताक्षर करने के 60 दिन के भीतर या पक्षों के बीच लिखित रूप में पारस्परिक सहमति से किसी अन्य तारीख के भीतर पूरा होने की उम्मीद है। यह बीटीए में उल्लिखित पूर्ववर्ती और समापन शर्तों के सफल समापन/छूट के अधीन होगा।’’ 


सीएचएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं पूर्णकालिक निदेशक शिवम पुरी ने अधिग्रहण पर कहा, ‘‘ यह कदम न केवल व्यापक तथा गतिशील सौंदर्य और व्यक्तिगत देखभाल क्षेत्र में हमारी उपस्थिति को मजबूत करता है, बल्कि छोटे व मझोले शहरों में हमारी पहले से स्थापित उपस्थिति को भी मजबूत करता है।

प्रमुख खबरें

हरियाणा में गांव की सामान्य भूमि के पुनर्वितरण, बिक्री का मामला, 2002 के अपने फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने लिया वापस

RCB vs CSK: बेंगलुरु और चेन्नई के बीच 18 तारीख का महत्व, आरसीबी के नाम जीत का रिकॉर्ड तो आग उगलता है विराट कोहली का बल्ला

PoK पर इस्लामाबाद का नियंत्रण किसी की कमजोरी की वजह से हुआ, जयशंकर का नेहरू पर कटाक्ष

RJD-Congress पर बरसे Amit Shah, कहा- बिहार को जंगलराज नहीं, विकासराज चाहिए