सीधी भर्ती से सिविल सेवकों के मनोबल पर नहीं पड़ा कोई प्रतिकूल प्रभाव: सरकार

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 25, 2018

नयी दिल्ली। सरकार ने आज कहा कि कुछ प्रमुख दायित्वों को पूरा करने के लिए लोगों की सीधी भर्ती (लैटरेल इंट्री) होती रही है और ऐसी पहल से सिविल सेवकों के मनोबल पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है। लोकसभा में सजदा अहमद और प्रसून बनर्जी के प्रश्नों के लिखित उत्तर में कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘‘विशिष्ट दायित्वों को पूरा करने के लिए समय-समय पर कुछ विख्यात व्यक्तियों को पहले भी लैटरल प्रविष्टि आधार पर नियुक्त किया जाता रहा है।’’

उन्होंने इस संदर्भ में मनमोहन सिंह, मोंटेक सिंह अहलूवालिया, विजय कोलकर, बिमल जालान, राकेश मोहन, अरविंद पनगढ़िया और अरविंद सुब्रमण्यम की अतीत में हुई नियुक्तियों का हवाला दिया। मंत्री ने कहा, ‘‘सीधी भर्तियों से सिविल सेवकों के मनोबल पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है।’’ हाल ही में सरकार ने संयुक्त सचिव पद के लिए सीधी भर्ती निकाली थी जिस पर विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए थे।

 

सिंह ने कहा कि सरकार ने संविदा के आधार पर 10 संयुक्त सचिवों की सीधी भर्ती करने का निर्णय लिया है ताकि नई प्रतिभाओं को शामिल करने और मानव बल की उपलब्धता को बढ़ावा देने के दोहरे उदेश्यों को पूरा किया जा सके।

प्रमुख खबरें

पुलवामा हमले के वक्त Modi फिल्म की शूटिंग करने में व्यस्त थे : Farooq Abdullah

South China Sea में परिचालन संबंधी तैनाती के लिए भारतीय नौसेना के तीन पोत Singapore पहुंचे

China के राष्ट्रपति ने वरिष्ठ राजनयिक Xu Feihong को भारत में अपना नया राजदूत नियुक्त किया

Sikh अलगाववादी नेता की हत्या की कथित साजिश में भारत की जांच के नतीजों का इंतजार : America