By नीरज कुमार दुबे | Sep 17, 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन पर देश ने एक अनोखा दृश्य देखा। आमतौर पर किसी भी बड़े राजनीतिक नेता के जन्मदिन पर सरकारी संस्थान या राजनीतिक दलों से जुड़े संगठन अखबारों में शुभकामना संदेशों के विज्ञापन देते रहे हैं। लेकिन इस बार तस्वीर बदली हुई थी। देश के प्रमुख समाचार पत्रों के पन्ने निजी कंपनियों, उद्यमियों और यहां तक कि आम लोगों की ओर से प्रधानमंत्री को दी गई शुभकामनाओं से भरे हुए दिखे।
यह दृश्य केवल औपचारिक बधाइयों का नहीं था, बल्कि एक व्यापक संदेश था— मोदी अब सिर्फ़ राजनीति तक सीमित नहीं हैं, बल्कि भारत के सामाजिक और आर्थिक जीवन में गहराई तक उतर चुके हैं। उनके नेतृत्व में लिए गए निर्णयों, आर्थिक सुधारों, डिजिटल क्रांति और बुनियादी ढांचे के विस्तार ने सीधे-सीधे लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। यही कारण है कि न केवल राजनीतिक कार्यकर्ता, बल्कि निजी क्षेत्र और आम नागरिक भी उनके जन्मदिन पर अपनी आस्था और समर्थन जाहिर करना चाहते हैं।
यह एक प्रतीक है उस भरोसे का, जो मोदी ने शासन और नेतृत्व में स्थापित किया है। निजी कंपनियों द्वारा दिए गए संदेश केवल सम्मान भर नहीं हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि उद्योग जगत ने उनके नेतृत्व में स्थिरता, नीति स्पष्टता और विकास के अवसर देखे हैं। वहीं, आम लोगों के संदेश इस तथ्य को उजागर करते हैं कि प्रधानमंत्री की योजनाओं और सुधारों का असर सीधे उनके जीवन पर पड़ा है।
दरअसल, मोदी का यह जनाधार पारंपरिक राजनीतिक सीमाओं से परे जाता है। देखा जाये तो प्रधानमंत्री का जन्मदिन अब सिर्फ़ एक राजनीतिक आयोजन नहीं, बल्कि एक सामाजिक-आर्थिक उत्सव का रूप ले चुका है। यह इस बात का प्रमाण है कि नरेंद्र मोदी आज भारत में केवल एक प्रधानमंत्री नहीं, बल्कि जनता और बाजार—दोनों की अपेक्षाओं और विश्वास का प्रतिनिधित्व करने वाले जननेता बन चुके हैं।