कांग्रेस के असंतुष्ट खेमे G-23 में पड़ी फूट, गुलाम नबी आजाद की डिनर पार्टी से दूर रहे 8 नेता

By टीम प्रभासाक्षी | Mar 20, 2022

हाल ही में संपन्न हुए पांच राज्यों के चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद पार्टी का असंतुष्ट खेमा G-23 पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर मुखर है। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि G-23 में फूट पड़ती नजर आ रही है। पिछले दिनों गुलाम नबी आजाद के घर हुई डिनर पार्टी में G-23 गुट के कई नेता नजर नहीं आए।


G-23 से 8 कांग्रेसियों ने खुद को अलग कर लिया है, जबकि जितिन प्रसाद ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा का दामन थाम लिया है। G-23 के असंतुष्ट खेमे में अब केवल 14 नेता ही बचे हैं। इनमें गुलाम नबी आजाद, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पृथ्वीराज चव्हाण पूर्व सीएम रह चुके हैं।


 हालांकि, गुलाम नबी आजाद के घर बुलाई गई डिनर पार्टी में 4 नए नेता भी शामिल हुए, लेकिन उनमें से दो का कांग्रेस से नाता टूट चुका है। कांग्रेस ने पार्टी प्रवक्ताओं को यह कहा है कि असंतुष्ट खेमे के नेताओं के खिलाफ कोई बयान नहीं देना है, जिससे उन्हें बोलने का मौका मिले।


इन नेताओं ने बनाया था G-23

 कांग्रेस का असंतुष्ट खेमा जिसे हम G-23 के नाम से जानते हैं, गुलाम नबी आजाद उसके अगुआ बनकर उभरे थे। उनके अलावा इस खेमे में कपिल सिब्बल, शशि थरूर, मनीष तिवारी, आनंद शर्मा, पीजे कुरियन, रेणुका चौधरी, मिलिंद देवड़ा, मुकुल वासनिक, जितिन प्रसाद, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और राजेंद्र कौर भट्टल शामिल हैं। 

 

इनके अलावा एम वीरप्पा मोइली, पृथ्वीराज चव्हाण, अजय सिंह, राज बब्बर, अरविंदर सिंह लवली, कौल सिंह ठाकुर, अखिलेश प्रसाद सिंह, कुलदीप शर्मा, योगानंद शास्त्री, संदीप दीक्षित और विवेक तंखा का नाम भी असंतुष्ट खेमे में शामिल है।


G-23 में शामिल नए चेहरे

कांग्रेस के असंतुष्ट खेमे में 4 नाम और शामिल हुए हैं, इनमें प्रनीत कौर, एमए खान, मणिशंकर अय्यर शंकर सिंह वाघेला का नाम शामिल है।


G-23 से अलग हए 8 नेता

अगस्त 2020 में बने इस असंतुष्ट खेमे से लगभग 8 नेता अलग हो चुके हैं। यह नेता गुलाम नबी आजाद की डिनर पार्टी में भी शामिल नहीं हुए। इसमें वीरप्पा मोइली, मिलिंद देवड़ा, रेणुका चौधरी, मुकुल वासनिक, योगानंद शास्त्री, अरविंदर सिंह लवली, कौल सिंह ठाकुर और अजय सिंह ने इसके में से दूरी बना ली है।


सोनिया-आजाद, और राहुल हुड्डा की हुई मुलाकात

होली के दिन सोनिया गांधी और गुलाम नबी आजाद और राहुल गांधी व हुड्डा के बीच मुलाकात हुई। सूचना बाहर आई कि सोनिया गांधी ही कांग्रेस की अध्यक्ष रहेंगी। असंतुष्ट खेमे के नेता पार्टी को मजबूत करने का काम करेंगे। लेकिन इसके साथ ही ये सियासी चर्चा भी बाहर आ रही है कि गुलाम नबी आजाद को राज्यसभा भेजने और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को पूरी तरह हरियाणा कांग्रेस की कमान देने पर सहमति बनी है, लेकिन इस बात में कितनी हकीकत है, यह आने वाले कुछ दिनों में साफ हो जाएगा।

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