बिहार और मध्य प्रदेश में कांग्रेस का फीका प्रदर्शन, महागठबंधन को उठाना पड़ा खामियाजा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 11, 2020

नयी दिल्ली। बिहार में कांग्रेस का फीका प्रदर्शन विपक्षी महागठबंधन को महंगा पड़ा है और उसकी सहयोगी राजद राज्य में सरकार बनाने में नाकाम होती दिख रही है। बिहार में तो कांग्रेस को नुकसान उठाना ही पड़ा, बल्कि उसे मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात में हुए उपचुनावों में भी विफलता का स्वाद चखना पड़ा। इन राज्यों में कांग्रेस पिछड़ गई और भाजपा को बढ़त मिली है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और दलित नेता उदित राज ने हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ा जबकि उनके पार्टी सहयोगी कार्ति चिदंबरम ने कहा कि ईवीएम प्रणाली सटीक और भरोसेमंद है तथा अब समय आ गया है कि ‘‘ईवीएम को दोष देना बंद कर देना चाहिए।’’ बिहार में कांग्रेस को 20 सीटें मिलती दिख रही हैं जबकि 2015 में उसे 27 सीट मिली थीं। राजद नीत महागठबंधन भाजपा नीत राजग से मामूली रूप से पिछड़ा है। हालांकि कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि यह कहना अनुचित होगा कि पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा क्योंकि उसने बिहार में उन सीटों पर भी अपने उम्मीदवार उतारे जिन्हें परंपरागत रूप से राजग का गढ़ माना जाता है। पार्टी इस बार 70 सीटों पर चुनाव लड़ी थी जबकि 2015 में उसने केवल 41 सीटों पर ही उम्मीदवार उतारे थे। इस चुनाव में हालांकि कांग्रेस का मत प्रतिशत भी बेहतर हुआ है। 

इसे भी पढ़ें: बिहार चुनाव: अमित शाह ने NDA की जीत को बताया PM मोदी और CM नीतीश के डबल इंजन विकास की जीत

2015 में यह 6.66 प्रतिशत था जो इस बार बढ़कर 9.46 फीसदी हो गया है। दूसरी ओर, कांग्रेस की सहयोगी शिवसेना ने भी उसके खराब प्रदर्शन पर सवाल खड़े किए हैं। शिवसेना नेता संजय राऊत ने कहा कि कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन करती तो अब तक तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री घोषित किया जा चुका होता।

प्रमुख खबरें

Modi के 400 पार के नारे के साथ दिखी Mumbai की जनता, जताया जीत का विश्वास

अंगदान दर में सुधार के लिए ICU में मस्तिष्क मृत्यु के मामलों की निगरानी करें : केंद्र

BJP ने पैसे के बल पर संदेशखालि का ‘झूठ’ फैलाया, Mamata Banerjee ने कहा- घड़ियाली आंसू बहाना बंद करें Modi

Lok Sabha Election : तीसरे चरण के लिए प्रचार का शोर थमा, 7 मई को होगा मतदान