आयकर विभाग के नोटिस पर कांग्रेस आगबबूला, अजय माकन बोले- यह टैक्स टेररिज्म, इलेक्टोरल बॉन्ड पर भी सवाल

By अंकित सिंह | Mar 29, 2024

दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा कर नोटिस को चुनौती देने वाली पार्टी की याचिका खारिज करने के एक दिन बाद कांग्रेस को आयकर विभाग से 1,700 करोड़ रुपये का नोटिस मिला है। ताजा नोटिस आकलन वर्ष 2017-18 से 2020-21 के लिए है और इसमें जुर्माना और ब्याज शामिल है। आयकर अधिकारियों द्वारा 200 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने और उसके फंड को फ्रीज करने के बाद कांग्रेस पहले से ही धन की कमी का सामना कर रही है। पार्टी को मामले में उच्च न्यायालय से कोई राहत नहीं मिली है और वह उच्चतम न्यायालय का रुख कर सकती है।

 

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पार्टी ने भाजपा पर 19 अप्रैल से शुरू होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले उसे आर्थिक रूप से दबाने और उसके खिलाफ कर अधिकारियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस के जयराम रमेश ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "हमें आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए नोटिस भेजे जा रहे हैं। यह कर आतंकवाद है और इसका इस्तेमाल कांग्रेस पर हमला करने के लिए किया जा रहा है। इसे रोकना होगा।" उन्होंने जोर देकर कहा कि आगामी संसदीय चुनावों के लिए कांग्रेस का अभियान जारी रहेगा और पार्टी अपनी गारंटी देश के लोगों तक पहुंचाएगी।


कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि हमने भाजपा के सभी उल्लंघनों का विश्लेषण उन्हीं मापदंडों का उपयोग करके किया है जिनका उपयोग उन्होंने हमारे उल्लंघनों का विश्लेषण करने के लिए किया था... भाजपा पर 4600 करोड़ रुपये का जुर्माना है। आयकर विभाग को इस राशि के भुगतान के लिए भाजपा से मांग करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें 1993-94 से सीताराम केसरी के समय से नोटिस मिले हैं... हमसे सीताराम केसरी के समय से 53 करोड़ रुपये का भुगतान करने की मांग की गई है। आईटी विभाग ने कांग्रेस से कुल 1823 करोड़ रुपये की कमाई की है। 

 

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कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा, "क्या आप जानते हैं 1800 करोड़ रुपये कितने होते हैं?...2019 में हमारा पूरा चुनाव खर्च 800 करोड़ रुपये था...।" वहीं, जयराम रमेश ने कहा कि पूरे देश को पता चल गया है कि इलेक्टोरल बॉन्ड घोटाले से BJP ने करीब 8,250 करोड़ रुपए चंदा इकट्ठा किया है। भाजपा ने चंदा लेने का 4 रास्ता अपनाया है-1. चंदा दो - धंधा लो, 2. ठेका लो, चंदा दो, 3. हफ्ता वसूली, 4. शेल कंपनियों से चंदा लो। इलेक्टोरल बॉन्ड को सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के खिलाफ बताया है। भाजपा सरकार अलग-अलग तरीके से लगातार विपक्ष पार्टी को कमजोर करने का प्रयास कर रही है। लेकिन कांग्रेस पार्टी डरने वाली नहीं है।

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