कांग्रेस का 'खटा खट' मॉडल देश के विकास के लिए बड़ी चुनौती, विपक्षी पार्टी पर भाजपा का तंज

By अंकित सिंह | Jun 17, 2025

बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट ने जनगणना कराने का फैसला किया है. प्रेस रिलीज में साफ कहा गया कि जनगणना के साथ-साथ आजाद भारत के इतिहास में पहली बार सामाजिक, आर्थिक सर्वेक्षण और जातिगत जनगणना भी कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके पीछे हमारा उद्देश्य सभी जातियों की पहचान, सभी जातियों का सम्मान और अंतिम छोर पर खड़ी जातियों का उत्थान है। लेकिन इंडी गठबंधन और कांग्रेस केवल अपने परिवार के उत्थान के बारे में ही सोचते हैं।


सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि हमारी सोच और उनकी सोच में बुनियादी फर्क है। हम सभी जातियों की पहचान, सम्मान और उत्थान के लिए समर्पित हैं...जाति जनगणना की अधिसूचना केंद्र द्वारा की जाती है। राज्य जाति जनगणना नहीं कर सकता। इसलिए, वे जो राज्य की अधिसूचना दिखा रहे हैं, उससे केवल सर्वेक्षण हो सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि जहां-जहां कांग्रेस सत्ता में आती है, उनका 'खटा खट' मॉडल देश के विकास के लिए बड़ी चुनौती बन रहा है।

 

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भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को हाल ही में सैटेलाइट फिल्मों में दिखाए जाने के बाद भी पाकिस्तान के एयरबेसों की तबाही नजर नहीं आई। उन्हें CAA के नोटिफिकेशन में उत्पीड़न शब्द नजर नहीं आया था। इसी दृ​ष्टिदोष के चलते कांग्रेस को इस बार भी चीजें नजर नहीं आईं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में कैबिनेट ने भारत की जनगणना कराने का निर्णय लिया, और इसके बाद जो भी प्रेस रिलीज जारी हुई, उसमें स्पष्ट रुप से कहा गया कि जनगणना के साथ सामाजिक, आर्थिक मूल्यांकन होगा और जाति जनगणना स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार होगी।

 

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त्रिवेदी ने कहा कि परन्तु वो पार्टी, जिसने 1951 में स्वतंत्र भारत में जातिगण जनगणना को रुकवाने का काम किया था। जिन्होंने पिछड़ों के हक को मारने के लिए काका कालेलकर की रिपोर्ट को नहीं लागू होने दिया था, आज वो अचानक जो कहने का प्रयास करते हैं और जो लिखा हुआ है वो नहीं पढ़ पाते हैं, तो उनकी राजनीति का तत्व सामने आ जाता है। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना का नोटिफिकेशन केंद्र सरकार के द्वारा होता है, राज्य सरकार जातिगत जनगणना कर ही नहीं सकती है, तो आप (कांग्रेस) किस राज्य के नोटिफिकेशन को दिखा रहे हैं। राज्य सिर्फ सर्वे कर सकती है। सर्वे को नोटिफाई करने का प्रोसीजर अलग है।


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