By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 30, 2020
उन्होंने कहा, ‘‘ इस दौरान मुझे अपने परिसर से बाहर नहीं जाने दिया गया। मैं दो बार परिसर से बाहर गया जब मुझे 17 सितंबर-21 सितंबर 2019 के बीच अपनी बीमार बहन को देखने दिल्ली जाना पड़ा, और 15 दिसंबर-21 दिसंबर , 2019 के बीच मुझे चिकित्सकीय सलाह के लिए बाहर जाना पड़ा। पांच अगस्त, 2019 के बाद मैं जब भी बाहर गया तो मुझे सरकार से इजाजत लेनी पड़ी।’’ पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ पांच अगस्त, 2019 से मुझे गैर कानूनी से नजरबंद रखने के लिए मैंने सरकार पर मुकदमा करने का निर्णय लिया है। संविधान के तहत मैं जिन नागरिक अधिकारों का हकदार हूं, उन्हें निलंबित रखने और मुझे बंदी बनाने को लेकर मैं क्षतिपूर्ति की मांग करते हुए सरकार पर के खिलाफ मुकदमा दायर करूंगा।’’
उच्चतम न्यायालय में दाखिल हलफनामे में जम्मू कश्मीर प्रशासन ने कहा था कि सोज को ‘‘कभी नजरबंद नहीं किया गया था’’ और ‘‘सुरक्षा मंजूरी मिलने के बाद उनकी आवाजाही पर कोई पाबंदी नहीं थी।’’ सोज की पत्नी की याचिका के जवाब में सरकार ने यह हलफनामा दिया। उनकी पत्नी ने याचिका में सोज को ‘अवैध हिरासत’ से रिहा करने तथा अदालत के समक्ष उन्हें पेश करने की मांग की है।