सरकार पर विपक्ष ने लगाए आरोप, कहा- एक परिवार को लक्ष्य बनाकर हो रहा SPG कानून में संशोधन

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 03, 2019

नयी दिल्ली। विशेष सुरक्षा समूह कानून में संशोधन को राजनीति से प्रेरित बताते हुए विपक्ष ने मंगलवार को राज्यसभा में आरोप लगाया कि केवल एक परिवार को एसपीजी सुरक्षा से वंचित करने के लिए यह संशोधन किया जा रहा है वहीं सत्ता पक्ष ने कहा कि संशोधन का मकसद वीआईपी संस्कृति को समाप्त करना तथा एसपीजी बल को और अधिक प्रभावी बनाना है।

उच्च सदन में विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) अधिनियम संशोधन विधेयक पर चर्चा की शुरूआत करते हुए कांग्रेस के विवेक तनखा ने कहा कि यह विधेयक राजनीति से प्रेरित हो कर लाया गया है जबकि सुरक्षा का मुद्दा पार्टी आधारित राजनीति से बहुत ऊपर होता है। उन्होंने कहा कि 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद एसपीजी का गठन हुआ। जब कानून बना तो प्रधानमंत्री और उनके परिवार को इसकी सुरक्षा के दायरे में लाया गया। ‘‘1989 में सरकार बदल गई। सबको पता था कि राजीव गांधी की जान को खतरा है। उनकी सुरक्षा के लिए सरकार से अनुरोध भी किया गया। अंतत: 1991 में राजीव गांधी की हत्या हो गई। देश ने एक युवा नेतृत्व खो दिया।’’

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तनखा ने कहा कि यह सामान्य कानून नहीं है। इसमें पूर्व प्रधानमंत्रियों के परिवार को सुरक्षा का प्रावधान था लेकिन इसमें संशोधन का प्रस्ताव लाया गया जिसके अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री के परिवार को पांच साल ही यह सुरक्षा मिलेगी और वह भी उनके सरकार द्वारा आवंटित आवास में रहने पर। इस तरह साफ है कि केवल एक ही परिवार को इसके दायरे से बाहर रखने के लिए संशोधन किया गया। कांग्रेस सदस्य ने कहा ‘‘इसे आप चाहें तो देश हित कहें... या फिर यह विपक्ष को खत्म करने की बात हो... यह संशोधन केवल एक ही परिवार को लक्ष्य कर लाया गया है। क्या यह विपक्ष की नेता की सुरक्षा छीनना नहीं है?’’

तनखा ने हा कि कहीं ऐसा न हो कि इस परिवार के साथ एक और हादसा हो जाए और अगर ऐसा होता है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा ? इसके लिए जिम्मेदार आप होंगे। उन्होंने कहा कि आज दुनिया के अलग अलग हिस्सों में हिंसा फैली है और भारत इससे अछूता नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों ही कांग्रेस महासचिव के घर पर एक घटना हुई। ‘‘ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि आपने सुरक्षा का स्तर कम कर दिया।’’ उन्होंने कहा कि तीन घटनाओं ने पूरे देश को हिला कर रख दिया, 1948 में महात्मा गांधी की हत्या हुई, 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या हुई और 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या हुई।

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तनखा ने कहा कि हम गर्व से कह सकते हैं कि हम ऐसी पार्टी के सदस्य हैं जिसके नेताओं ने देश के लिए अपना बलिदान दिया। तनखा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के परिवार को पूरी सुरक्षा दी गई थी। इससे पहले, गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने एसपीजी कानून में संशोधन को समय की मांग बताते हुए कहा कि इस बल को और अधिक प्रभावी बनाने तथा कानून के मूल उद्देश्य को बहाल करने के उद्देश्य से एसपीजी अधिनियम संशोधन विधेयक लाया गया है। विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) अधिनियम संशोधन विधेयक को चर्चा एवं पारित करने के लिये रखते हुए रेड्डी ने कहा कि यह विधेयक इसलिए लाया गया है ताकि एसपीजी कानून के मूल उद्देश्य को बहाल किया जा सके, बल को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।

चर्चा में हिस्सा लेते हुए भाजपा के नीरज शेखर ने कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य वीआईपी संस्कृति को समाप्त करना है। उन्होंने कहा कि लालबत्ती का चलन भी इसी वजह से समाप्त किया गया था। मेरी पार्टी वीआईपी संस्कृति की पक्षधर नहीं है। अतीत में इस कानून में हुए संशोधनों का जिक्र करते हुए शेखर ने कहा कि प्रस्तावित संशोधन के तहत एसपीजी सुरक्षा सिर्फ प्रधानमंत्री और उनके साथ उनके आवास में रहने वालों के लिए ही होगी तथा सरकार द्वारा आवंटित आवास पर रहने वाले पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार को पांच साल की अवधि तक एसपीजी सुरक्षा प्राप्त होगी।

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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश हित में कई ऐसे कदम उठाए हैं जिससे उनकी सुरक्षा को खतरा बढ़ा है। एसपीजी सुरक्षा का उन पर केंद्रित होना प्रासंगिक है। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर ने कहा कि वह स्वयं 1990 से 2001 तक एसपीजी सुरक्षा में रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि उन दिनों मैं 22 साल का था। मेरे परिवार को एसपीजी सुरक्षा मिली थी। जिस तरह हमारे आगे पीछे गाड़ियों का काफिला चलता था, उसे देख कर मैं खुद को बहुत ही रसूखदार व्यक्ति समझता था जबकि सचाई यह है कि उन दिनों मुझे कोई जानता नहीं था।

शेखर ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह आपकी वजह से हुआ। वरना तब मुझे जानता ही कौन था? उन्होंने कहा कि सुरक्षा सबको अच्छी लगती है और यह अहसास भी सुखद होता है कि हम खास हैं। लेकिन आज का नौजवान वीआईपी संस्कृति को पसंद नहीं करता। हमारी पार्टी भी इस संस्कृति की पक्षधर नहीं है। हमारी पार्टी इस संस्कृति को खत्म करना चाहती है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवारों की सुरक्षा के लिए अलग बल गठित किया जाना चाहिए लेकिन यह जिद नहीं होनी चाहिए कि उन्हें केवल एसपीजी सुरक्षा ही मिले। 

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शेखर ने कहा कि वीआईपी सुरक्षा के लिए खर्च होने वाला पैसा देश का है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्रियों इंद्रकुमार गुजराल, वी पी सिंह, एच डी देवेगौड़ा, मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने पर किसी ने कुछ भी नहीं कहा था। उन्होंने कहा कि पहले एसपीजी में शामिल कर्मियों को जैसा प्रशिक्षण दिया जाता था वैसा प्रशिक्षण अब नहीं दिया जाता। इसका कारण यह है कि एसपीजी सुरक्षा का दायरा बढ़ता गया। लेकिन संसाधनों की एक सीमा होती है।

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