लखीमपुर की घटना के एक साल बाद भी अजय मिश्रा का मंत्री बने रहना अपमानजनक: कांग्रेस

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 03, 2022

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर-खीरी में पिछले साल हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत की घटना के एक साल पूरा होने के मौके पर सोमवार को कहा कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा का अब तक अपने पद पर बने रहना अपमानजनक है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘एक साल बीत गया, लेकिन लखीमपुर खीरी के शहीद किसानों को इंसाफ नहीं मिला। कारण वही- हमेशा की तरह भाजपा अपराधियों को बचा रही है। जब हमने भारत जोड़ो यात्रा करने का फैसला लिया, तब हमारे लिए किसान आंदोलन एक बड़ी प्रेरणा थी। अन्नदाताओं को न्याय दिलाए बिना ये संघर्ष ख़त्म नहीं होगा।’’ 

 

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पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘लखीमपुर किसान नरसंहार ने भाजपा सरकार का किसान विरोधी चेहरा सामने ला दिया है। एक साल बाद भी मंत्री सत्ता के संरक्षण के चलते पद पर बरकरार हैं। सुनवाई सुस्त पड़ी है और पीड़ित परिवार निराश हैं। किसानों के संघर्ष के बावजूद न तो उन्हें एमएसपी का कानून मिला, न शहीद किसानों के लिए न्याय।’’ पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘लखीमपुर खीरी हत्याकांड को आज एक साल हो गया। एक साल पहले कई किसानों को मार दिया गया था। मोदी सरकार के एक मंत्री इस षड्यंत्र में शामिल थे। आज भी वह मंत्रिपरिषद के सदस्य हैं। इससे अपमानजनक बात कुछ नहीं हो सकती कि ‘काले कानूनों’ के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को मारा गया और इसके दोषी मंत्री अपने पद पर बने हुए हैं।’’ उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी समेत संयुक्त किसान मोर्चा की सभी मांगों का एक बार फिर से समर्थन करती है। 

 

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रमेश ने दावा किया, ‘‘भारत जोड़ो यात्रा का एक मकसद किसानों के लिए आर्थिक न्याय की मांग उठाना है। मोदी सरकार किसानों को आर्थिक न्याय देने में विफल रही है...मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में निजी कंपनियों की भूमिका बढ़ा रही है। यह बहुत चिंताजनक बात है।’’ उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के खिलाफ किसान तीन अक्टूबर, 2021 को लखीमपुर-खीरी के तिकुनिया इलाके में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और इसी दौरान एक वाहन से कुचले जाने से चार लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद हुई हिंसा में दो भाजपा कार्यकर्ताओं और एक पत्रकार सहित चार अन्य लोग मारे गए थे। हिंसा में मारे गए प्रदर्शनकारी केंद्र के उन तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, जिन्हें बाद में सरकार ने वापस ले लिया था। अजय कुमार मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा हिंसा के इस मामले में आरोपी हैं।

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