By नीरज कुमार दुबे | May 02, 2021
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी केरल के वायनाड संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं इसलिए वह केरल विधानसभा चुनावों में पार्टी के सबसे बड़े स्टार प्रचारक भी रहे। कांग्रेस को उम्मीद थी कि राहुल गांधी को केरल की जनता ने जिस तरह लोकसभा चुनावों के दौरान सिर आंखों पर बिठाया था वैसा ही विधानसभा चुनावों में भी होगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। बल्कि चार दशकों से चल रहा वह क्रम वाममोर्चे ने तोड़ दिया जिसके तहत एक बार एलडीएफ और एक बार यूडीएफ की राज्य में सरकार बनती थी। राहुल गांधी का कथित करिश्मा किस तरह केरल में परास्त हुआ है इसका अंदाजा खुद उनके संसदीय क्षेत्र वायनाड से मिल रहे रुझानों से पता लग जाता है।
राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र वायनाड में सात विधानसभा सीटें हैं जिनमें से कांग्रेस दो सीटों पर ही हल्की बढ़त बनाये हुए है। Mananthavady में माकपा उम्मीदवार ने कांग्रेस पर बढ़त बनाई हुई है तो Nilambur में निर्दलीय उम्मीदवार ने कांग्रेस पर बढ़त बनाई हुई है। इसी तरह कांग्रेस रुझानों में Kalpetta सीट पर भी लगातार आगे-पीछे हो रही है। Sulthanbathery, Wandoor पर कांग्रेस के उम्मीदवार आगे चल रहे हैं। वायनाड संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाली दो अन्य विधानसभा सीटें Thiruvambady और Eranad यूडीएफ के घटक इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग को आवंटित की गयी थीं और वह इन पर बढ़त बनाये हुए है।