By अंकित सिंह | Sep 22, 2025
जीएसटी सुधार को लेकर कांग्रेस कई सवाल खड़े सरकार से कर रही है। इसी कड़ी में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह GST की भावना कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस सरकार की थी। हमारा उद्देश्य पूरे देश में GST लागू करना था और इसे कई स्लैब में नहीं, बल्कि 1-2 स्लैब में लागू करना था ताकि आम नागरिकों को रोज़गार पाने में ज़्यादा दिक्कत न हो। हमारी भावना को उधार लेते हुए, भाजपा ने बहुत ढिंढोरा पीटकर GST लागू किया।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जिस GST का उद्देश्य करों को सरल बनाना था, उसे इस NDA सरकार ने गब्बर सिंह टैक्स में बदल दिया। स्लैब कम करने की जो मांग सदन के अंदर और बाहर बार-बार की गई थी, वह अब पूरी हो गई है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का विरोध किया था।
कांग्रेस के संचार प्रभारी महासचिव रमेश ने एएनआई को बताया कि 2006 से 2014 तक, आठ साल तक, केवल एक मुख्यमंत्री ने जीएसटी का विरोध किया, और वह मुख्यमंत्री 2014 में प्रधानमंत्री बने और 2017 में यू-टर्न लेते हुए जीएसटी के मसीहा के रूप में उभरे। उन्होंने आगे बताया कि हाल ही में घोषित जीएसटी सुधार सीमित हैं क्योंकि वे एमएसएमई क्षेत्र की प्रक्रियात्मक जटिलताओं को दूर करने में आसानी प्रदान नहीं करते हैं। जीएसटी में हालिया सुधार सीमित हैं। एमएसएमई क्षेत्र की प्रक्रियात्मक जटिलताओं को दूर करने की आवश्यकता पूरी नहीं हुई है।
रमेश ने कहा कि जीएसटी लागू करने का प्रस्ताव सबसे पहले पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने 2006 में पेश किया था और 2010 में इसे विधेयक के रूप में पेश किया गया था। उन्होंने कहा कि जब ट्रंप ने टैरिफ लगाए, तो सरकार कर ढांचे में सुधार करने के लिए मजबूर हुई और अब वे इसे उत्सव की तरह मना रहे हैं। वे आठ साल देर से आए हैं। जीएसटी लागू करने का प्रस्ताव सबसे पहले 2006 के बजट भाषण में तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने रखा था। 2010 में इसे संसद में विधेयक के रूप में पेश किया गया था।