Banke Bihari Temple Corridor पर छाया विवाद, Premanand महाराज के गुरु ने जताया गुस्सा, कहा- कुंज गलियां हैं पहचान

By रितिका कमठान | Jun 10, 2025

सोशल मीडिया पर प्रेमानंद महाराज काफी वायरल है। प्रेमानंद जी महाराज अपनी बातों से लोगों को काफी ज्ञान देते रहते है। इन दिनों सोशल मीडिया पर प्रेमानंद जी महाराज अपनी बातों से लोगों का दिल भी जीत लेते है। वृंदावन के केली कुंज में रहने वाले प्रेमानंद जी महाराज के गुरु ने इन दिनों ऐसा बयान दिया है, जिससे वो चर्चा में आ गए है।

 

दरअसल इन दिनों वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर निर्माण को लेकर काफी विवाद चल रहा है। इसी बीच मंदिर में पूजा करने वाला गोस्वामी समाज लगातार कोरिडोर के निर्माण के विरोध में उतरा हुआ है। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की तैयारी में जुटी हुई है।

 

इसी बीच कॉरिडोर निर्माण को लेकर प्रेमानंद महाराज के गुरु और राधा बल्लभ मंदिर के तिलकायत सेवायत मोहित मराल गोस्वामी ने भी अपने विचार पेश किए है। मोहित मराल गोस्वामी ने कॉरिडोर निर्माण का पूरजोर विरोध किया है। उन्होंने इस निर्माण का विरोध करते हुए इसकी तुलना वेश्याओं से की है। 

 

प्रेमानंद महाराज के गुरु मराल गोस्वामी ने बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर निर्माण का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि कॉरिडोर का नाम लेकर श्रीकृष्ण की नगरी की आलोकिकता को खत्म करने का ये प्रयास है, जिसका हम विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि वृंदावन को कॉरिडोर की नहीं बल्कि मूलभूत सुविधाओं की जरुरत है। 

 

गौरतलब है कि बांके बिहारी मंदिर में दर्शन करने आने वाले भक्तों को गलियों से गुजरना पड़ता है। ये गलियां बेहद संकरी है जहां भक्तों की भारी भीड़ होती है। बांके बिहारी के दर्शन करने के लिए देश विदेश से लोग आते है। यहां घंटों तक भक्त दर्शन करने के लिए इंतजार करते है। सरकार का कहना है कि दर्शन करने आने वाले भक्तों को समस्या ना हो और उन्हें सुविधाएं मिले इस लिए ये निर्माण किया जाएगा।

 

उन्होंने कहा कि कुंज बिहारी श्रीहरि दास, कुंज बिहारी हैं। इन्हें कुंज कॉरिडोर नहीं बनना चाहिए। कुंज गलियों का जिक्र शास्त्रों में भी है। कॉरिडोर के नाम पर इन्हें खत्म किया जा रहा है। वृंदावन में नगर निगम द्वारा कोई व्यवस्था अच्छी नहीं है। नाले, बिजली से लेकर यमुना की सफाई का वादा सिर्फ खोखला है। ब्रज का सौंदर्यीकरण नहीं किया जा रहा है। कॉरिडोर के निर्माण से परंपरा खराब होगी। ये वृंदावन धार्मिक क्षेत्र है, ये पर्यटन क्षेत्र नहीं है।

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