By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 21, 2018
इस्लामाबाद। पत्रकारों के अधिकारों के लिए काम करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय संगठन ने पाकिस्तान में संसदीय चुनाव से पहले मीडिया सामने उत्पन्न स्थिति को लेकर सवाल उठाए हैं। न्यूयार्क के संगठन कमिटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) ने आज अपनी एक नई रिपोर्ट में कहा है कि सेना एवं सरकारी अधिकारियों की आलोचना करने वाले पत्रकारों का अपहरण कर लिया जाता है या उन पर हमला किया जाता है।
रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि कैसे सेना के प्रवक्ता ने पत्रकारों को सरकार एवं सेना विरोधी दुष्प्रचार साझा करने का आरोपी ठहराया और पाकिस्तान के दो सबसे बड़े मीडिया संगठनों - जियो टीवी और डॉन का वितरण मनमाने तरीके से सीमित कर दिया गया। सीपीजे शोधकर्ता आलिया इफ्तिकार ने अपनी इस रिपोर्ट में कई पाकिस्तानी पत्रकारों का हवाला दिया है जिन्होंने कहा है कि न्यायपालिका की चुप्पी से ' भय और आत्मसेंसरशिप का माहौल' बढ़ता जा रहा है।