सुरक्षाकर्मियों का खाना खा गई PCB? पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड में करोड़ों की गड़बड़ियां सामने आई

By अंकित सिंह | Jul 14, 2025

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) और विवादों से उसका नाता एक बार फिर सुर्खियों में है, जब एक नई रिपोर्ट में करोड़ों के भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। हाल के वर्षों में पीसीबी और उसके प्रशासनिक निकाय में हुई उथल-पुथल के बीच, पाकिस्तान के महालेखा परीक्षक (एजी) ने वित्तीय अनियमितताओं की रिपोर्ट सामने आने के बाद शीर्ष निकाय के लिए और भी शर्मिंदगी खड़ी कर दी है। कथित भ्रष्टाचार की राशि करोड़ों में है, जो बोर्ड के भीतर वित्तीय अनियमितताओं को रेखांकित करता है।

 

इसे भी पढ़ें: IND vs ENG: मोहम्मद सिराज पर लगा बड़ा जुर्माना, लॉर्ड्स टेस्ट मैच के चौथे दिन की थी ये गलती


रिपोर्ट में अनियमितताओं में अंतरराष्ट्रीय मैचों के दौरान सुरक्षा प्रदान करने हेतु भोजन के लिए पुलिस को 63.39 मिलियन (पाकिस्तानी) रुपये का भुगतान और कराची के हाई परफॉर्मेंस सेंटर में अंडर-16 आयु वर्ग में तीन कोचों की अनधिकृत नियुक्ति शामिल है, जिनका कुल वेतन 5.4 मिलियन रुपये है। इसमें उचित प्रतिस्पर्धा के बिना टिकट अनुबंधों के आवंटन की भी बात कही गई है। न्यूज18 के मुताबिक रिपोर्ट में मैच अधिकारियों को 38 लाख रुपये की अतिरिक्त फीस और मीडिया निदेशक की 9 लाख रुपये प्रति माह की अनियमित नियुक्ति का भी उल्लेख है।

 

इसे भी पढ़ें: IND vs ENG: जो रूट का कमाल जारी, सचिन तेंदुलकर की खास क्लब में बनाई जगह



पीसीबी के 2023-24 सीज़न में दो अलग-अलग अध्यक्ष रहे हैं - जून 2023 से जनवरी 2024 तक ज़का अशरफ और फ़रवरी 2024 से अब तक मोहसिन नक़वी। रिपोर्ट में नक़वी पर सीधा ध्यान केंद्रित किया गया है, जिसमें फरवरी से जून 2024 तक उपयोगिता शुल्क, पीओएल और आवास के रूप में उन्हें 41.7 लाख रुपये के अनधिकृत भुगतान का उल्लेख है। नक़वी एक साथ पाकिस्तान के गृह मंत्री का पद भी संभाल रहे थे और उनके सभी लाभ क़ानून के दायरे में आते थे।

प्रमुख खबरें

राष्ट्रीय चुनावों के लिए तैयार हो रहा है नेपाल, अंतरिम प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम संबोधन में क्या कहा?

Gmail Tips: अपनी मन-मर्जी के समय पर भेजें ईमेल, इस धांसू फीचर का करें इस्तेमाल

नीतीश कुमार की सास का निधन, बेटे निशांत ने नानी मां को दी भावुक श्रद्धांजलि

Toshakhana-2 Case: मिस्टर एंड मिसेज इमरान को 17 साल की सजा, 1-1 करोड़ का जुर्माना