Cyclone Montha | आंध्र प्रदेश में चक्रवात 'मोंथा' का तांडव! तटीय इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त, युद्धस्तर पर बचाव कार्य

By रेनू तिवारी | Oct 28, 2025

चक्रवाती तूफान मोन्था के बंगाल की खाड़ी में तेज़ी से बढ़ने के कारण, आंध्र प्रदेश और ओडिशा हाई अलर्ट पर हैं, लोगों को निकालने का काम तेज़ी से चल रहा है और सोमवार रात काकीनाडा के पास संभावित दस्तक की तैयारी कर रहे हैं। 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चल रहे इस तूफ़ान ने तटीय इलाकों में पहले ही भारी बारिश और तेज़ हवाएँ चला दी हैं।

चक्रवात मोंथा 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश को हर संभव केंद्रीय सहायता का आश्वासन दिया है क्योंकि राज्य उच्च ज्वार, बाढ़ और व्यापक व्यवधान से जूझ रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, चक्रवात मोन्था रविवार देर रात मछलीपट्टनम से लगभग 280 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व और विशाखापत्तनम से 410 किलोमीटर दक्षिण में केंद्रित था। इस तूफ़ान के आज शाम या रात तक एक भीषण चक्रवाती तूफ़ान के रूप में मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच तट को पार करने की उम्मीद है।

आंध्र प्रदेश

आंध्र प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रबंध निदेशक प्रखर जैन ने सोमवार को बताया कि चक्रवात ‘मोंथा’ के तट से टकराने की शुरुआत हो गयी है और इसे एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है। तटीय जिलों में बारिश और तेज आंधी चल रही है। जैन ने एक विज्ञप्ति में बताया, “चक्रवात टकराना शुरू हो गया है। तटीय जिलों में आंधी के साथ बारिश हो रही है।” उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे यह तूफान जमीन के पास पहुंचेगा और तेज होता जाएगा।जैन ने बताया कि पिछले छह घंटों में चक्रवात 18 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ा और शाम तक यह विशाखापत्तनम से लगभग 560 किलोमीटर दूर था तथा मंगलवार सुबह तक इसके एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है।

उन्होंने बताया, “चक्रवाती तूफान 28 अक्टूबर की शाम या रात में एक भीषण चक्रवाती तूफान के रूप में काकीनाडा के पास आंध्र प्रदेश के तट को पार कर सकता है।” जैन ने तटीय जिलों के निवासियों से सतर्क रहने और सुरक्षा परामर्श का पालन करने का आग्रह किया। एनटीआर जिलाधिकारी जी. लक्ष्मीशा ने ‘पीटीआई-वीडियो’ सेवा को बताया कि सभी विभाग हाई अलर्ट पर हैं। उन्होंने बताया, “कई टीमें तैनात की गई हैं और समन्वय से काम कर रही हैं। हमने 180 पुनर्वास केंद्र तैयार रखे हैं, साथ ही मौसम की निरंतर निगरानी के लिए 24 ड्रोन भी तैनात किए हैं।”

विजयवाड़ा के पुलिस आयुक्त एसवी राजशेखर बाबू ने बताया कि पुलिस विभाग चक्रवात के लिए पूरी तरह तैयार है और प्रत्येक वार्ड सचिवालय में अधिकारी तैनात हैं। उन्होंने बताया, “एक नियंत्रण कक्ष स्थिति पर नजर रख रहा है और वास्तविक समय के आकलन के लिए 42 ड्रोन तैनात किए गए हैं।” बाबू ने बताया कि एहतियात के तौर पर 360 घरों के निवासियों को निकाला जा रहा है।

इसे भी पढ़ें: झारखंड: छठ पूजा के दौरान पांच बच्चों की डूबने से मौत, दो दिन में मृतकों की संख्या बढ़कर 11 हुई

चक्रवात ‘मोंथा’ के कारण कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश और तेज हवाएं चलीं, जिससे सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। चित्तूर जिले के नागरी निर्वाचन क्षेत्र में चक्रवात के प्रभाव के कारण चार दिनों से लगातार मध्यम से भारी बारिश दर्ज की गई है। कुशस्थली नदी में बाढ़ आ जाने से सड़क संपर्क टूट गया है, जिससे अधिकारियों को नागरी शहर और थिरुट्टानी व पल्लीपट्टू जैसे ग्रामीण इलाकों के बीच यातायात रोकना पड़ा है। वाहनों की आवाजाही बाईपास मार्गों से मोड़ी जा रही है। खतरनाक धाराओं और उफनती नदियों के कारण लोगों को नदी के किनारों पर जाने से रोकने के लिए पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। सिंचाई, राजस्व और नगरपालिका अधिकारियों ने कृष्णापुरम जलाशय से 1,000 क्यूसेक पानी छोड़ने सहित एहतियाती कदम उठाए हैं।

इसे भी पढ़ें: Turkey Earthquake | तुर्किये में फिर आया शक्तिशाली भूकंप, पश्चिमी इलाके में ढहीं इमारतें, लोगों में दहशत

काकीनाडा जिले में तेज हवाओं व भारी बारिश के कारण उप्पदा तट पर समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही हैं। तट पर रहने वाले मछुआरों ने आशंका जताई है कि लहरें तट की ओर बढ़ रही हैं और तटीय कटाव की स्थिति बढ़ रही है। समुद्र में लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण पुलिस ने उप्पदा, सुब्बमपेट, मायापट्टनम और सुरदापेट गांवों से निवासियों को उनके घरों से निकाल लिया है। तिरुपति के जिलाधिकारी एस. वेंकटेश्वर ने बताया कि जिले में 75 किलोमीटर लंबी तटरेखा है और पांच तटीय मंडलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है।

उन्होंने बताया, “नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं और लोगों को आपात स्थिति को छोड़कर घर के अंदर रहने की सलाह दी गई है।” निवासियों को मवेशियों को चराने व पेड़ों, बिजली के खंभों या होर्डिंग्स के नीचे न खड़े होने की सलाह दी गई है। तिरुमाला जाने वाले तीर्थयात्रियों से यात्रा योजनाओं को अस्थायी रूप से स्थगित करने का आग्रह किया गया है।

मौसम विभाग के अनुसार, जैसे-जैसे चक्रवात आंध्र प्रदेश तट के करीब पहुंचेगा और काकीनाडा के पास दस्तक देगा बारिश व हवा की तीव्रता में वृद्धि होने की आशंका है। जिला प्रशासन ने बताया कि वे चक्रवात से उत्पन्न होने वाली किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और एहतियाती उपाय लगातार लागू किए जा रहे हैं।


ओडिशा

हालांकि मोन्था तूफान आंध्र प्रदेश में दस्तक देगा, ओडिशा इसके व्यापक प्रभाव के लिए तैयार है। राज्य सरकार ने मंगलवार से भारी बारिश और तेज़ हवाओं की आशंका के चलते आठ दक्षिणी जिलों - मलकानगिरी, कोरापुट, नबरंगपुर, रायगढ़, गजपति, गंजम, कालाहांडी और कंधमाल - में रेड अलर्ट जारी किया है।

राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने के काम का निरीक्षण करते हुए कहा, "हमारा लक्ष्य किसी भी प्रकार की जनहानि को रोकना है।" सरकार ने 1,445 चक्रवात आश्रय स्थल खोले हैं और एनडीआरएफ, ओडीआरएएफ और अग्निशमन सेवाओं से 140 बचाव दल तैयार किए हैं। गजपति जिले के पहाड़ी इलाकों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जहाँ भूस्खलन की संभावना है।

पुजारी ने आगे कहा कि अगले 48 घंटों में चक्रवात के प्रभाव के और तेज़ होने की आशंका के चलते, संवेदनशील निचले इलाकों से 32,000 लोगों को निकालने का काम जारी है।

पश्चिम बंगाल

आईएमडी ने मंगलवार से दक्षिणी पश्चिम बंगाल में, खासकर कोलकाता, हावड़ा, हुगली, दक्षिण 24 परगना, तथा पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर में भारी बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने की चेतावनी दी है। हवा की गति 80-90 किमी प्रति घंटे तक पहुँच सकती है, जिससे समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।

दक्षिण 24 परगना में तटीय पुलिस ने सार्वजनिक घोषणाएँ शुरू कर दी हैं और ट्रॉलरों से सोमवार शाम तक लौटने का आग्रह किया है। जिला प्रशासन ने नियंत्रण कक्ष खोल दिए हैं और राहत सामग्री का भंडारण कर लिया है।

इस बीच, चक्रवात के अंतर्देशीय क्षेत्र में पहुँचने के कारण, 29 अक्टूबर से उत्तर बंगाल में बारिश बढ़ने की संभावना है। राज्य के कृषि विभाग ने किसानों को फसल के नुकसान को कम करने के लिए धान की कटाई पूरी करने की सलाह दी है।

तमिलनाडु

दक्षिण में, तमिलनाडु के उत्तरी जिले चेन्नई, तिरुवल्लूर, कांचीपुरम और रानीपेट सोमवार को भारी बारिश से भीग गए। क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने कहा कि मोन्था बंगाल की खाड़ी में चेन्नई से लगभग 480 किलोमीटर पूर्व में स्थित है।

उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और तूफानी पानी निकासी के प्रयासों की समीक्षा की।

उन्होंने कहा, "आईएमडी ने हमें बताया है कि अगले 10 दिनों में बहुत ज़्यादा बारिश नहीं होगी। अगर होती भी है, तो हमारी सरकार तैयार है।" 

प्रमुख खबरें

सोशल मीडिया बैन से वीजा जांच तक: बदलती वैश्विक नीतियां और बढ़ता भू-राजनीतिक तनाव

MGNREGA की जगह नया ग्रामीण रोजगार कानून, VB-G RAM G विधेयक संसद में पेश होने की तैयारी

ICICI Prudential AMC IPO को ज़बरदस्त रिस्पॉन्स, दूसरे ही दिन फुल सब्सक्राइब हुआ

थोक महंगाई में नरमी के संकेत, नवंबर में थोक मूल्य सूचकांक - 0.32 प्रतिशत पर पहुंची