By विजयेन्दर शर्मा | Mar 18, 2022
धर्मशाला । कोविड के प्रकोप के दो साल बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से पेश होने के बाद, तिब्बतियों के अध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने शुक्रवार को कहा कि वह अच्छे स्वास्थ्य में हैं और डॉक्टर के साथ बॉक्सिंग भी खेल सकते हैं। दलाई लामा के स्वास्थय को लेकर देश विदेश में उनके समर्थक चिंता जता रहे थे। लेकिन दो साल बाद जब आज दलाई लामा सामने आये तो उनके अनुयाईयों ने भी सकून की सांस ली।
दलाई लामा ने आज हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से सटे मैकलोडगंज में तिब्बती मंदिर में एक सभा को संबोधित करते हुए जातक कथाओं का एक संक्षिप्त उपदेश भी दिया। इसके बाद यहां आयोजित अनुष्ठान में भी हिस्सा लिया।
दलाई लामा ने कहा कि उनका नियमित मेडिकल चेकअप के लिए दिल्ली जाने का कार्यक्रम था, लेकिन वह नहीं गए क्योंकि “वह अच्छे स्वास्थ्य में हैं और डॉक्टर के साथ बॉक्सिंग भी खेल सकते हैं।
भिक्षुओं और केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) के सदस्यों सहित हजारों तिब्बती आज की सभा का में आये थे। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के सदस्य तेनजिंग जिग्मे ने कहा, “यह एक बहुत ही सुंदर दिन है और हमें परम पावन दलाई लामा को दो साल से अधिक समय के बाद देखने को मिल रहा है। सबसे सुखद बात यह है कि आज दलाई लामा ने कहा कि वह ठीक हैं और वह स्वस्थ हैं इसलिए हम उनकी लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करते हैं। इसलिए हम परम पावन को ठीक देखकर वास्तव में प्रसन्न और धन्य महसूस कर रहे हैं।
दलाई लामा ने दो साल के बाद अपने अनुयायियों को मुख्य बौद्ध मंदिर से कल प्रवचन देंगे। सुबह आठ बजे मैक्लोडगंज में होने वाले इस कार्यक्रम में प्रवचन दिया। इससे पहले वर्ष 2019 में दलाई लामा ने अपनी शिक्षाएं दी थी। कोरोना महामारी के कारण दलाई लामा ने वर्ष 2020 में आफलाइन टीचिंग बंद कर दी थी और अब जब कोरोना से कुछ राहत मिली है तो आज पहली बार रूबरू हुये। हालांकि कोरोना महामारी के समय में दलाई लामा ने आनलाइन रहकर अपनी शिक्षाएं व अन्य देशों के लोगों से संवाद जारी रखा। कोरोना की तीसरी लहर अब कम पड़ने के बाद दलाई लामा सामने आये।
हालांकि कोरोना काल के दौरान दलाई लामा हमेशा ही लोगों को कोरोना से सहनशक्ति व बुद्धिमता से जूझने का संदेश देते रहे। उन्होंने सोशल मिडिया के माध्यम से संदेश दिया कि इस समय में जब पूरी दुनिया पर संकट है अपना आत्मविश्वास कम न होने दें, अपने मन व मस्तिष्क के बीच संतुलन बनाकर रखें और संयम, सहनशक्ति व बुद्धिमता से कोरोना से लड़ें। उनके अनुयायियों ने उनकी बात को माना और उनके अनुयायियों के लिए खुशी के पल रहे कि वह दलाई लामा को प्रत्यक्ष रूप से सामने बैठकर सुन रहे थे।