सालों का टूटा रिकॉर्ड! सोना-चांदी ऐतिहासिक ऊंचाई पर, वैश्विक तनाव बना मुख्य वजह

By Ankit Jaiswal | Dec 26, 2025

साल के आखिरी दिनों में वैश्विक बाजारों में हलचल तेज हो गई है और इसका सबसे बड़ा असर कीमती धातुओं पर देखने को मिल रहा है। सोना, चांदी और प्लैटिनम ने अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। मौजूदा हालात में निवेशक जोखिम से बचने के लिए सुरक्षित विकल्पों की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे इन धातुओं की कीमतों को जबरदस्त सहारा मिला है।


मौजूद जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को हाजिर सोना 1.2 प्रतिशत की तेजी के साथ 4,530 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंच गया। वहीं चांदी ने भी लगातार पांचवें सत्र में बढ़त दर्ज करते हुए 75 डॉलर प्रति औंस का स्तर पार कर लिया। यह तेजी ऐसे समय में आई है जब वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक तनाव गहराता जा रहा है और अमेरिकी डॉलर दबाव में है।


गौरतलब है कि अमेरिका द्वारा कुछ क्षेत्रों में सैन्य कार्रवाई और वेनेजुएला जैसे देशों पर बढ़ते दबाव ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। ऐसे माहौल में सोना और चांदी पारंपरिक ‘सेफ हेवन’ के तौर पर फिर से उभरे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक साल के अंत में बाजार में तरलता कम होने से कीमतों में उतार-चढ़ाव और तेज हो गया है।


स्काई लिंक कैपिटल ग्रुप के सीईओ डैनियल टाकिएदीन के अनुसार, भू-राजनीतिक अस्थिरता और कमजोर डॉलर ने सुरक्षित निवेश की मांग को और मजबूत किया है। बता दें कि डॉलर सूचकांक इस सप्ताह करीब 0.7 प्रतिशत गिरा है, जो जून के बाद की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट मानी जा रही है।


आंकड़ों पर नजर डालें तो इस साल अब तक सोना करीब 70 प्रतिशत और चांदी 150 प्रतिशत से ज्यादा चढ़ चुकी है। यह तेजी 1979 के बाद सबसे मजबूत मानी जा रही है। इसके पीछे केंद्रीय बैंकों की भारी खरीद, ईटीएफ में निवेश और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा लगातार ब्याज दरों में कटौती अहम कारण रहे हैं।


गौरतलब है कि कम ब्याज दरों का माहौल उन परिसंपत्तियों के लिए फायदेमंद होता है, जिन पर ब्याज नहीं मिलता, जैसे सोना और चांदी। इसके साथ ही बढ़ते कर्ज और मुद्रा अवमूल्यन की आशंका ने निवेशकों को पारंपरिक बॉन्ड से दूर किया है।


चांदी की तेजी और भी ज्यादा चौंकाने वाली रही है। अक्टूबर में आए शॉर्ट स्क्वीज के बाद से बाजार में सप्लाई का दबाव बना हुआ है। लंदन के वॉल्ट्स में भले ही कुछ स्टॉक बढ़ा हो, लेकिन अमेरिका में उपलब्ध चांदी सीमित बनी हुई है। विश्लेषकों का कहना है कि कागजी सौदों को भौतिक धातु से कवर करना अब मुश्किल होता जा रहा है।


वहीं प्लैटिनम ने भी जबरदस्त उछाल दर्ज किया है। यह धातु इस महीने अकेले 40 प्रतिशत से ज्यादा चढ़ चुकी है और 1987 के बाद पहली बार 2,400 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंची है। इसकी मांग ऑटोमोबाइल और ज्वेलरी सेक्टर से बढ़ रही है, जबकि दक्षिण अफ्रीका में उत्पादन बाधित होने से आपूर्ति प्रभावित हुई है।


मौजूदा हालात में विश्लेषकों का मानना है कि जब तक वैश्विक तनाव, डॉलर की कमजोरी और आर्थिक अनिश्चितता बनी रहेगी, तब तक कीमती धातुओं में मजबूती देखने को मिलती रहेगी।

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