By रितिका कमठान | May 16, 2024
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हवा खराब श्रेणी में पहुंच चुकी है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बुधवार को 243 के स्तर पर पहुंच गया। शुष्क परिस्थितियों और धूल के कारण दिल्ली वासियों को खराब गुणवत्ता वाली हवा में सांस लेने को मजबूर होना पड़ रहा है।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के मुताबिक बीते तीन दिनों में मौसम संबंधी परिस्थितियों में गिरावट आई है साथ ही पड़ोसी राज्यों में जंगल की आज्ञा के अलावा पराली भी जलाई जा रही है जिस कारण हवा का स्तर खराब हुआ है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने भारत मौसम विज्ञान विभाग और भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के अधिकारियों के साथ बैठक भी की है। बता दें कि इससे पहले सोमवार और मंगलवार को भी दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब स्तर पर थी जो की क्रमशः 227 और 234 पर बनी हुई थी।
बता दें कि इन दिनों हवा की दिशा और गति लगातार बदलती जा रही है। शुष्क स्थिति के कारण क्षेत्र में धूल जमा होने का सिलसिला लगातार बना हुआ है। एनसीआर और इसके आसपास के इलाकों में कृषि अवशेष जलाने की घटनाएं भी सामने आ रही है। वहीं कई पड़ोसी राज्य में जंगल की आज भी वायु गुणवत्ता को और अधिक खराब कर रही है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग और संस्थान की संयुक्त बैठक में भी ये चर्चा हुई कि एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों मे पराली जलाने की घटनाएं अधिक हो रही है। जंगल में आग लगने की घटनाएं भी सामने आई है, जिसने वायु गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव डाला है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 243 दर्ज किया गया, जो खराब श्रेणी में आता है। एक्यूआई शून्य से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है तथा 500 से अधिक एक्यूआई ‘अत्यधिक गंभीर’ श्रेणी में आता है।
चलाया जाएगा अभियान
वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दूर निवारण उपाय को लागू किया जाएगा। क्षेत्र के कई प्रमुख प्रदूषण हॉटस्पॉट पर अभियान चलाया जाएगा। यहां पानी का छिड़काव होने के अलावा यांत्रिक सड़क सफाई उपकरणों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।