J&K Economy में नई जान फूंकेगी दिल्ली-बड़गाम मालगाड़ी, Apple से लेकर Pashmina तक, कश्मीरी उत्पाद तेज गति से सीधे राष्ट्रीय बाज़ार तक पहुँचेंगे

By नीरज कुमार दुबे | Aug 21, 2025

कश्मीर घाटी में वंदे भारत ट्रेन सेवा शुरू होने के बाद पर्यटकों के लिए सफर आसान हुआ और पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था में नई जान आ गई। पर्यटकों की बढ़ती आमद ने होटलों, हाउसबोट्स, स्थानीय बाजारों और हस्तशिल्प उद्योग को सीधा लाभ पहुँचाया। अब इसी कड़ी में दिल्ली से बडगाम तक मालगाड़ी सेवा शुरू करने का निर्णय घाटी की अर्थव्यवस्था को और गति देगा। जहाँ वंदे भारत ने पर्यटकों को कश्मीर से जोड़ा, वहीं मालगाड़ी सेवा किसानों, कारीगरों और व्यापारियों को राष्ट्रीय बाज़ार से जोड़ेगी। सेब, अखरोट, केसर, पश्मीना शॉल और कालीन जैसे कश्मीरी उत्पाद अब तेज़ी और सस्ती लागत पर दिल्ली और अन्य महानगरों तक पहुँच पाएँगे। इससे न केवल स्थानीय आय बढ़ेगी, बल्कि कश्मीर की पहचान बने इन उत्पादों की पहुँच वैश्विक स्तर तक और मजबूत होगी। कहा जा सकता है कि रेल सेवाएँ आज कश्मीर के लिए सिर्फ़ आवाजाही का साधन नहीं, बल्कि आर्थिक पुनर्जागरण का प्रतीक बनती जा रही हैं।


देखा जाए तो कश्मीर लंबे समय से अपनी भौगोलिक चुनौतियों और सीमित संपर्क व्यवस्था के कारण राष्ट्रीय बाज़ार से पूरी तरह जुड़ नहीं पाया था। अब जब कश्मीरी उपज और उत्पाद सीधे रेलमार्ग से दिल्ली तक पहुँचेंगे, तो इसका लाभ सीधे किसानों, कारीगरों और व्यापारी वर्ग तक पहुँचेगा। इस सेवा से न केवल उत्पादों का समय पर परिवहन संभव होगा, बल्कि उनकी गुणवत्ता भी सुरक्षित रहेगी और परिवहन लागत घटेगी। यह पहल कश्मीर के कृषि और हस्तशिल्प क्षेत्र को राष्ट्रीय और वैश्विक बाज़ार से जोड़ने का सेतु बनेगी। साथ ही, पैकेजिंग, लॉजिस्टिक्स और विपणन क्षेत्र में रोज़गार के नए अवसर खुलेंगे।

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हम आपको बता दें कि कश्मीर की अर्थव्यवस्था पर्यटन, कृषि और हस्तशिल्प पर आधारित है। यदि इन तीनों को सशक्त परिवहन व्यवस्था का सहारा मिले, तो घाटी न केवल आत्मनिर्भर बनेगी बल्कि देश की आर्थिक धारा में और अधिक मजबूती से शामिल होगी। देखा जाए तो यह मालगाड़ी सेवा कश्मीर के लिए केवल रेल की पटरियों पर दौड़ती गाड़ी नहीं, बल्कि आर्थिक पुनरुत्थान और स्थायी विकास की रफ़्तार है।


बहरहाल, दिल्ली–बडगाम मालगाड़ी सेवा न सिर्फ़ कश्मीर को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी, बल्कि उसे राष्ट्रीय और वैश्विक बाज़ार से जोड़ने का भी काम करेगी। यह कदम कश्मीर के लिए वही साबित हो सकता है जो फूलों के लिए नीदरलैंड की हवाई परिवहन व्यवस्था रही है— तेज़, भरोसेमंद और लाभकारी।

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