By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 19, 2018
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने नगर निगम द्वारा सील किये गये एक परिसर की सील कथित रूप से तोड़ने के मामले में बुधवार को दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं सांसद मनोज तिवारी को अवमानना नोटिस जारी किया। इससे पहले, न्यायालय ने इस घटना के बारे में शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त निगरानी समिति की रिपोर्ट पर गौर किया।
न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने भाजपा सांसद मनोज तिवारी को 25 सितंबर को पेश होने का निर्देश देते हुये कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक निर्वाचित प्रतिनिधि ने शीर्ष अदालत के आदेशों की अवहेलना करने का प्रयास किया। निगरानी समिति की रिपोर्ट के अवलोकन के बाद पीठ ने टिप्पणी की कि तिवारी द्वारा पूर्वी दिल्ली में एक परिसर की सील तोड़ने के आरोप ‘‘परेशान करने वाली स्थिति’’ को दर्शाते हैं।
सीलिंग मामले में न्याय मित्र की भूमिका निभा रहे वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार ने पीठ के समक्ष निगरानी समिति की रिपोर्ट पेश की और कहा कि इसके साथ ही कथित घटना से संबंधित एक वीडियो भी संलग्न है। कुमार ने पीठ को सूचित किया कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम की शिकायत के आधार पर तिवारी और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है।