दिवाली के बाद सुबह दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’, पिछले वर्षों की तुलना में बेहतर

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 25, 2022

नयी दिल्ली। दिवाली के बाद की सुबह दिल्ली में हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई, लेकिन अनुकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों ने प्रदूषक तत्वों को तेजी से जमा होने से रोका और स्थिति पिछले वर्षों से अपेक्षाकृत बेहतर रही। 


राष्ट्रीय राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) मंगलवार सुबह सात बजे 326 रहा। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के पड़ोसी शहरों गाजियाबाद (285), नोएडा (320), ग्रेटर नोएडा (294), गुरुग्राम (315) और फरीदाबाद (310) में भी हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ से ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही। शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ तथा 401 और 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है। 


मंगलवार सुबह अपेक्षाकृत बेहतर वायु गुणवत्ता का मतलब यह नहीं है कि यह अच्छी हवा है। राष्ट्रीय राजधानी के 35 निगरानी केंद्रों में से 30 में सुबह सात बजे पीएम 2.5 का स्तर राष्ट्रीय मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से पांच से छह गुना अधिक रहा। पीएम 2.5 महीन कण होते हैं जो 2.5 माइक्रोन या उससे कम व्यास के होते हैं और श्वसननली के माध्यम से शरीर में गहराई तक जा सकते हैं तथा फेफड़ों तक पहुंच कर रक्तप्रवाह को प्रभावित कर सकते हैं। आतिशबाजी पर प्रतिबंध के बावजूद दिल्ली के कई हिस्सों में लोगों ने पटाखे चलाए, लेकिन पिछले दो वर्षों की तुलना में इसकी तीव्रता कम दिखाई दी। 


नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के चेयर प्रोफेसर गुफरान बेग ने कहा पंजाब और हरियाणा में सोमवार को खेतों में पराली जलाई गई, लेकिन हवा की गति के कारण धुंआ छंट गया। इसलिए, दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान (लगभग 10 प्रतिशत) भी ‘‘बहुत अधिक’’ नहीं रहा। हर साल दिवाली पर दिल्ली के पीएम 2.5 प्रदूषकों में पटाखों और पराली जलाने का योगदान रहा है। लेकिन इस साल यह पूर्व के वर्षों की तुलना में अपेक्षाकृत कम रहा है। 


मोटे तौर पर स्थिर वायु गुणवत्ता की स्थिति के पीछे एक अन्य महत्वपूर्ण कारक मध्यम हवा की गति और गर्म स्थितियां थीं जिससे प्रदूषक तेजी से संचय नहीं कर सके और वायु गुणवत्ता को ‘गंभीर’ श्रेणी में जाने से रोका जा सका। दिल्ली में सोमवार शाम चार बजे 24 घंटे का औसत एक्यूआई 312 दर्ज किया गया जो सात साल में दिवाली के दिन के लिए दूसरा सबसे अच्छा एक्यूआई है। 


इससे पहले दिल्ली में 2018 में दिवाली पर 281 का एक्यूआई दर्ज किया था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में पिछले साल दिवाली पर 382, 2020 में 414, 2019 में 337, 2017 में 319 और 2016 में 431 एक्यूआई दर्ज किया गया था। रविवार शाम को दिल्ली में 24 घंटे का औसत एक्यूआई 259 दर्ज किया गया था, जो दिवाली की पूर्व संध्या पर सात वर्षों में सबसे कम था।

प्रमुख खबरें

यमन के हूती विद्रोहियों के मिसाइल हमले में रूस से भारत जा रहे तेल टैंकर को नुकसान

Merry Christmas की असफलता के बाद Katrina Kaif ने भविष्य में फिल्में चुनने की अपनी प्रक्रिया के बारे में बात की

NEP vs WI: टी20 वर्ल्ड कप 2024 से पहले नेपाल ने वेस्टइंडीज को दी मात

Karnataka के दक्षिण कन्नड़ में बंजारुमाले गांव में हुआ 100 प्रतिशत मतदान