नेताजी सुभाष जयंती को देशप्रेम दिवस घोषित करने की वामदलों की मांग

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 01, 2018

नयी दिल्ली। वामदलों ने शनिवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती ‘देश प्रेम दिवस’ के रूप में मनाये जाने की सरकार से मांग की है। माकपा, भाकपा, फारवर्ड ब्लाक, आरएसपी और भाकपा माले द्वारा जारी संयुक्त बयान में आगामी 23 जनवरी को नेताजी सुभाष जयंती को ‘देश प्रेम दिवस’ घोषित करने की मांग करते हुये नेताजी द्वारा गठित आजाद हिंद सरकार से जुड़े राष्ट्रीय महत्व के इतिहास का आधिकारिक संकलन करने का सरकार को सुझाव भी दिया है। 

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वामदलों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर नेताजी से जुड़ी विरासत के बारे में देश को गुमराह करने का आरोप लगाते हुये कहा कि गत 21 अक्तूबर को लाल किले में नेताजी सुभाष की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम को राजनीति से प्रेरित बताया। बयान में कहा गया है कि नेताजी ने 21 अक्तूबर 1943 को दक्षिण पूर्व एशिया में आजाद हिंद सरकार का गठन किया था। यह एक ऐतिहासिक तथ्य है। आजाद हिंद सरकार के गठन के 75 साल पूरे होने पर समूचे देश ने नेताजी की देशभक्ति को याद किया था।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर का लाभ उठाते हुये पहली बार लाल किले में तिरंगा फहरा कर नेताजी को श्रद्धांजलि दी थी। वामदलों ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में नेताजी के बारे में बहुत कुछ कहा लेकिन आजाद हिंद सरकार में राष्ट्रीय एकता और सांप्रदायिक सौहार्द के तथ्य को नजरअंदाज कर दिया। वामदलों ने इसे राजनीतिक से प्रेरित और नेताजी से जुड़े तथ्यपरक इतिहास के प्रति देश को गुमराह करने का आरोप लगाया। 

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वामदलों ने सरकार से देश भक्ति से ओतप्रोत नेताजी के जीवन से भविष्य की पीढ़ियों को अवगत कराने के लिये उनकी जयंती को ‘देश प्रेम दिवस’ के रूप में घोषित करने और आजाद हिंद फौज एवं आजाद हिंद सरकार के देश के स्वतंत्रता संग्राम में महत्व को उजागर करने वाले ऐतिहासिक तथ्यों की पुष्टि कर इनका आधिकारिक तौर पर संकलन करने की मांग की है।

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