By नीरज कुमार दुबे | May 08, 2025
पाकिस्तान में चलाये गये ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने स्कैल्प क्रूज़ मिसाइलों और हैमर बमों के साथ-साथ सटीक हमलों के लिए स्वदेशी रूप से निर्मित स्काईस्ट्राइकर 'सुसाइड ड्रोन' भी इस्तेमाल किये थे। हम आपको बता दें कि बेंगलुरु स्थित अल्फा डिज़ाइन (ADTL) और इज़राइल की एल्बिट सिस्टम्स के संयुक्त सहयोग से विकसित स्काईस्ट्राइकर 'सुसाइड ड्रोन' ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान अपना पहला मिशन सफलतापूर्वक संचालित किया। हम आपको बता दें कि दुश्मन के ठिकानों का पता लगाकर हमला करने के लिए डिज़ाइन किए गए ये घूमते हुए लक्ष्य भेदी हथियार 5 किलोग्राम का विस्फोटक ले जाने में सक्षम हैं और 100 किलोमीटर की दूरी तक सटीक हवाई हमला कर सकते हैं। इन ड्रोनों ने हर पाकिस्तानी के मन में गहरा डर बिठा दिया है क्योंकि इनकी मारक क्षमता देखने के बाद हर किसी को अपने उपर इस ड्रोन के होने का अहसास हो रहा है। हम आपको बता दें कि इन ड्रोनों को भारतीय सेना में 2021 की एक खरीद अनुबंध के तहत शामिल किया गया था जिसमें 100 यूएवी शामिल थे। सूत्रों ने बताया कि स्काईस्ट्राइकर ड्रोनों को आतंकवाद विरोधी अभियानों में प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया गया, खासकर पीओके में स्थित आतंकी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने में।
इन सुसाइड ड्रोनों को 'कामिकाज़े ड्रोन' के नाम से भी जाना जाता है। ये किफायती हैं और लंबी दूरी तक हमला करने में सक्षम हैं। ये खोज और विनाश मिशनों में निर्णायक बढ़त हासिल करते हैं, विशेष रूप से आतंकवाद विरोधी अभियानों और दुश्मन ड्रोनों, रडार सिस्टमों और लॉन्च पैडों जैसी खतरनाक चीजों को खत्म करने में ये माहिर हैं। बेंगलुरु स्थित अल्फा डिज़ाइन टेक्नोलॉजीज़ लिमिटेड (ADTL) और इज़राइल की एल्बिट सिस्टम्स के बीच संयुक्त उद्यम के माध्यम से विकसित स्काईस्ट्राइकर ड्रोन्स को बेंगलुरु दक्षिण के सांसद तेजस्वी सूर्या ने गर्व का विषय बताया। उन्होंने कहा, “#OperationSindoor में स्काईस्ट्राइकर ड्रोनों की तैनाती हमारे शहर और रक्षा निर्माण क्षेत्र की एक और शानदार उपलब्धि है… यह ‘नम्मा बेंगलुरु’ के लिए गर्व का क्षण है।” तेजस्वी सूर्या ने भारत के रक्षा क्षेत्र को सशक्त करने में बेंगलुरु की महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित किया और शहर में पनपते हुए रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों (PSUs) और स्टार्टअप्स के तकनीकी नवाचारों तथा राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान को सराहा। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे भारत रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ रहा है, स्काईस्ट्राइकर ड्रोनों की सफल तैनाती स्वदेशी सैन्य नवाचार और संचालन क्षमता में एक मील का पत्थर है।