बिगड़ती कानून व्यवस्था समर्थन वापस लेने का मुख्य कारण: जम्मू कश्मीर BJP प्रमुख

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 20, 2018

जम्मू। जम्मू कश्मीर भाजपा प्रमुख रवींद्र रैना ने आज कहा कि राज्य में खराब होती कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पार्टी के लिए राज्य सरकार से समर्थन वापस लेने का मुख्य कारण था। इस फैसले का उद्देश्य था कि राज्य में शांति एवं सामान्य स्थिति बहाली सुनिश्चित करने के लिए राज्यपाल शासन का मार्ग प्रशस्त हो सके। रैना ने कहा कि निर्णय अचानक नहीं किया गया और यह तीन महीने के विचार... विमर्श के बाद देश के व्यापक हित में लिया गया।

उन्होंने कहा कि मुख्य मुद्दा घाटी में तेजी से बिगड़ रही कानून एवं व्यवस्था की स्थिति थी। एकमात्र विकल्प राज्यपाल शासन था। उन्होंने कहा कि ऐसी कठिन स्थिति से निपटने में दलों के लिए राजनीतिक मजबूरियां हो सकती हैं लेकिन हमारा मानना है कि राज्यपाल शासन के दौरान आतंकवाद निरोधक अभियान और असामाजिक तत्वों के खिलाफ अभियानों को आसानी से संचालित किया जा सकता है। 

रैना भाजपा के साथ कई नेता मौजूद थे जिसमें पूर्व उप मुख्यमंत्री कवींद्र गुप्ता शामिल थे। रैना ने कहा कि कानून एवं व्यवस्था बहाली समय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि गत तीन वर्षों में सेना को खुली छूट दी गई जिसके चलते 619 आतंकवादी मारे गए। रमजान के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा अभियान रोके जाने के दौरान भी 23 आतंकवादी मारे गए। यह कश्मीर में शांति बहाली उपायों का हिस्सा था। 

 

उन्होंने सरकार से समर्थन वापस लेने के निर्णय में कोई राजनीति होने से इनकार किया और कहा कि ऐसा राष्ट्र हित में किया गया। रैना ने कहा कि सरकार उस तरह से आतंकवाद निरोधक अभियान नहीं चला पा रही थी जैसा भाजपा चाहती थी। उन्होंने कहा कि हम आतंकवादियों से मुक्त कश्मीर चाहते हैं ताकि लोग अपना जीवन बिना किसी भय के सम्मान के साथ व्यतीत कर सकें। 

 

रैना ने रमजान के दौरान अभियान रोकने का उल्लेख करते हुए कहा कि केंद्र की ओर से घोषित इस पहल के जवाब में उसी दिन पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा के कुछ हिस्से में पूरी तरह से हरकत में आ गया। उन्होंने भाजपा के निर्णय का बचाव करते हुए कहा कि घुसपैठियों को धकेला गया और बेगुनाहों को निशाना बनाया गया जिसमें जानेमाने पत्रकार की हत्या भी शामिल है। जम्मू बस स्टैंड पर एक ग्रेनेड से हमला किया गया जबकि जवान चौधरी औरंगजेब की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई।

 

यह पूछे जाने पर कि क्या राज्यपाल शासन में सेना को स्थिति से निपटने के लिए खुली छूट दी जाएगी , रैना ने कहा कि सेना को हमेशा ही खुली छूट दी गई है और वह किसी भी चुनौती से निपटने में सक्षम है। रैना ने कहा कि हमारा मानना है कि देश पहले आता है और तिरंगा हमारी प्राथमिकता है। भाजपा सत्ता के लिए नहीं है। यदि हमारा वह उद्देश्य होता तो राज्य में शासन के लिए और तीन वर्ष बचे थे।

 

नेशनल कान्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला के खरीद फरोख्त की आशंका के चलते विधानसभा भंग करने की मांग पर उन्होंने कहा कि यह उनके निजी विचार हैं। जो ऐसे कृत्यों में लिप्त होते हैं वे ही ऐसी बातें करते हैं। भाजपा कभी इस बारे में नहीं बोलती और हमारा यह उद्देश्य नहीं है। 

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