By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 12, 2022
देवेगौड़ा ने रेखांकित किया है कि उन्होंने इस संबंध में फैसला दलों के नेताओं पर छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि उनके बेटे और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के वर्ष 2018 में हुए शपथ ग्रहण समारोह केदौरान छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों और 15 दलों के नेताओं को एकजुट करने की कोशिश की थी लेकिन वह असफल रही और वह दूसरी बार इस तरह की कोशिश करने के बारे में नहीं सोचेंगे। पांच राज्यों के चुनाव नतीजों पर बोलते हुए जद(एस) सुप्रीमो गौड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपनी पार्टी का पूरे देश में विस्तार करने की प्रतिबद्धता की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘‘यह जीत (पांच में से चार राज्यों में) उनकी(मोदी) की है। नतीजों के तुरंत बाद वह गुजरात चले गए और दो दिन वहां रहेंगे। देश के सभी क्षेत्रों में पार्टी के विस्तार की उनकी यह इच्छा और प्रतिबद्धता है। मैंने टीवी पर देखा वह कई बैठकें और कार्यक्रम कर रहे हैं। हम में भी ऐसा ही भाव होना चाहिए।’’ उन्होंने टिप्पणी की कि वह या कुमारस्वामी उपलब्धि नहीं हासिल कर सकते।
देवेगौड़ा ने कहा कि जद(एस) के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मकसद केवल अपनी पार्टी को राज्य में बचाना है...इस संबंध में मैंने रणनीति बनाने के लिए 30 मार्च को बेंगलुरु के पैलेस मैदान में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है।’’ देवेगौड़ा ने इसके साथ ही कहा कि वर्ष 2023 के राज्य विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वह हर महीने दो जिलों का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की आंतरिक विवाद को सुलझाने में अक्षमता और सभी को एकसाथ ले चलने में नाकामी से पंजाब में उसे हार मिली और आम आदमी पार्टी को लाभ हुआ। वर्ष 2023 में होने वाले चुनाव से पहले किसी गठबंधन से इनकार करते हुए देवेगौड़ा ने कहा कि उनकी पार्टी दोनों राष्ट्रीय दलों के खिलाफ चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा, ‘‘एक समय देश पर शासन करने वाली पार्टी, जलन, असंयम और कई अन्य कारणों से आज की स्थिति में है। उसके भीतर के लोग कन्नड भाषी के प्रधानमंत्री बनने को बर्दाश्त नहीं कर सकते। मैं कोई नाम नहीं लेना चाहता लेकिन मैं लोगों के पास अपने काम के साथ जाऊंगा।