धनराज पिल्लै की खिलाड़ियों को सलाह, खुद को सोशल मीडिया से रखें दूर

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 11, 2018

भुवनेश्वर। अगले महीने होने वाले विश्व कप से पहले भारतीय हाकी खिलाड़ियों को फेसबुक, वाट्सअप समेत सोशल मीडिया से किनारा करने की सलाह देते हुए महान हाकी खिलाड़ी धनराज पिल्लै ने कहा है कि ‘पोडियम फिनिश’ के लक्ष्य पर फोकस करने के लिये यह बेहद जरूरी है। सोलह टीमों का विश्व कप 28 नवंबर से 16 दिसंबर तक यहां कलिंगा स्टेडियम पर खेला जाना है।

भारतीय टीम को क्या सलाह देंगे, यह पूछने पर इस करिश्माई स्ट्राइकर ने कहा कि सभी खिलाड़ियों को तुरंत सोशल मीडिया से दूर हो जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि हमसे टूर्नामेंट के समय अखबार से दूर रहने को कहा जाता था क्योंकि नकारात्मक खबरों से प्रदर्शन पर असर पड़ता है। मेरे कोच जोकिम कार्वाल्हो मुझे यही सलाह देते थे। मैं इन खिलाड़ियों से भी अनुरोध करूंगा कि वाटस अप, ट्विटर, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया से दूर रहे। इससे ध्यान भटकता है। ये सब हाकी खत्म होने के बाद भी कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि टीम में आपसी तालमेल बेहतर बनाने के लिये सोशल मीडिया के बजाय खिलाड़ियों का एक दूसरे के साथ समय बिताना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमारे समय में इतना सोशल मीडिया नहीं था और हम दूसरे के साथ ही समय बिताते थे। खिलाड़ियों का आपसी तालमेल गजब का था। चार बार ओलंपिक (1992, 1996, 2000, 2004) , चार विश्व कप (1990, 1994, 1998, 2002) , चार एशियाई खेल (1990, 1994, 1998, 2002) और चार चैम्पियंस ट्राफी (1995, 1996, 2002, 2003) खेलने वाले दुनिया के अकेले खिलाड़ी धनराज ने यह भी कहा कि उन्हें अपने सुनहरे कैरियर में ओलंपिक या विश्व कप नहीं जीत पाने का मलाल खलता है।

उन्होंने कहा कि मैने इतने ओलंपिक और विश्व कप खेले लेकिन इसकी कोई ट्राफी मेरे नाम नहीं है। मुझे यह कसक हमेशा खलती है और मैं उम्मीद करता हूं कि यह टीम अपने मैदान पर मेरा सपना पूरा करेगी। धनराज ने आगाह किया कि विश्व कप में राह आसान नहीं होगी क्योंकि सभी टीमें मजबूत है। उन्होंने कहा कि विश्व कप में आसान नहीं होगा। सभी सोलह टीमें तैयारी से आयेंगी। घरेलू समर्थन से क्या होगा अगर आप अच्छा नहीं खेल सकें । अच्छा खेलोगे तो ही मीडिया और दर्शक सिर पर बिठायेंगे।

धनराज ने यह भी कहा कि आज के दौर में कलात्मक हाकी की जगह लैपटाप हाकी ने ले ली है जो भारतीय परिप्रेक्ष्य में कितनी कामयाब होगी, कहा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा, ‘अब हॉकी बहुत बदल गई है। हम कलात्मक हाकी खेलते थे लेकिन आज के खिलाड़ियों की रफ्तार का मुकाबला नहीं कर सकते। पिछले तीन चार साल में रफ्तार में हम अब आस्ट्रेलिया को टक्कर दे रहे हैं। फिटनेस का स्तर बहुत बेहतर हुआ है। हमने कौशल में आस्ट्रेलिया को मात दी होगी लेकिन आज उस समय इतना तेज हॉकी आस्ट्रेलिया, नीदरलैंड और जर्मनी ही खेलते थे। आज बेल्जियम अर्जेंटीना और भारत खेल रहे हैं।’

उन्होंने कहा कि अब हाकी लैपटाप हाकी हो गयी है। नये उपकरण आ गए हैं जो यह भी बताते हैं कि कितना किलोमीटर आप खेले। हम खुद को इसके अनुरूप ढाल रहे हैं लेकिन भारत में यह कितना कामयाब होगा, कह नहीं सकता। अनुभवी मिडफील्डर सरदार सिंह के अचानक संन्यास को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि इस विश्व कप में टीम को सरदार की जरूरत थी। आपने छह हाकी इंडिया लीग देखे होंगे और घरेलू मैदान पर उसका कोई जवाब नहीं। वह अपने हुनर में माहिर है। एशियाई खेलों में एक मैच में वह खराब खेला लेकिन उतार चढाव सभी के कैरियर में आते हैं।

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