बजरंग बली की जाति-धर्म बताने वाले भाजपा नेताओं पर भड़के दिग्विजय

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 23, 2018

इंदौर। बजरंग बली की जाति-धर्म को लेकर भाजपा नेताओं द्वारा की जा रही बयानबाजी पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार को निशाना साधा। उन्होंने कहा कि "हिन्दू देवता पर कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य भाजपा नेताओं के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा अखाड़ा परिषद जैसे संगठनों को कोई भी संबंध नहीं रखना चाहिये और इन नेताओं का सार्वजनिक रूप से तिरस्कार किया जाना चाहिये।" उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, "हनुमानजी को लेकर अनर्गल बहस की शुरूआत उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजरंग बली को दलित कहकर की थी। इसके बाद अन्य भाजपा नेताओं ने बजरंग बली को मुसलमान और जाट भी बता दिया।" 

 

71 वर्षीय राज्यसभा सांसद ने कहा, "हम हनुमानजी को भगवान शंकर का अवतार मानते हैं। लेकिन भाजपा नेता हनुमानजी को भी जाति-धर्म के मामले में घसीट रहे हैं। आखिर ये नेता किस धर्म का पालन कर रहे हैं?" उन्होंने मांग की योगी और अन्य भाजपा नेताओं को भगवान हनुमान पर अपने आपत्तिजनक बयानों के लिये माफी मांगनी चाहिये। इसके साथ ही, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद और अखाड़ा परिषद जैसे संगठनों को इन नेताओं का सार्वजनिक रूप से बहिष्कार व तिरस्कार करना चाहिये।  दिग्विजय ने मध्यप्रदेश के हालिया विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बहुचर्चित बयान "टाइगर जिंदा है" पर तंज कसा।  उन्होंने कहा, "टाइगर (शिवराज) के नाखून और दांत तो निकल चुके हैं। वैसे भी संकटग्रस्त प्रजाति के टाइगर के संरक्षण की जवाबदारी अब हमारी (नवगठित कांग्रेस सरकार) है।" 

 

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प्रदेश की नवगठित कांग्रेस सरकार की कर्जमाफी योजना के दायरे में कथित रूप से नहीं आने के कारण खंडवा जिले में आदिवासी तबके के 45 वर्षीय किसान ने हाल ही में आत्महत्या कर ली है। इस बारे में पूछे जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "मुझे इस मामले की हालांकि जानकारी नहीं है। लेकिन हमने सूबे में किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा जून 2018 में की थी। उस अवधि (जून 2018 तक) में जितने भी किसान कर्जदार थे, उनके कर्ज माफ होंगे।" दिग्विजय ने एक सवाल पर आरोप लगाया कि व्यापमं घोटाले की जांच कर रही सीबीआई इस मामले को दबाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, "इन हालात में व्यापमं मामले को लेकर उठाये जाने वाले कदमों पर हम अध्ययन कर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि "आगामी लोकसभा चुनाव तय करेंगे कि देश महात्मा गांधी के दिखाये रास्ते पर चलेगा या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक (प्रमुख) माधव सदाशिव गोलवलकर के प्रदर्शित पथ पर आगे बढ़ेगा।" 

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