Sawan Somwar: इन 6 तरीकों से भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करने से पूरी होंगी सारी मनोकामनाएं

By प्रिया मिश्रा | Jul 09, 2022

सावन का पवित्र महीना जल्द ही शुरू होने वाला है। यह पूरा महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। मान्यता है कि इस महीने में भगवान शिव की पूजा आराधना करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। सावन में श्रद्धालु अपने घरों में या मंदिर में जाकर रुद्राभिषेक कराते हैं। खास तौर पर सावन में पढ़ने वाली शुभ रात्रि और नाग पंचमी के दिन भगवान शिव का जलाभिषेक के रुद्राभिषेक करना बेहद फलदाई माना जाता है। रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। मान्यताओं के अनुसार, रुद्राभिषेक के प्रकार से कराया जा सकता है


जलाभिषेक

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव का जलाभिषेक करने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

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दुग्ध अभिषेक 

शिवलिंग पर दूध से अभिषेक किया जाता है। माना जाता है कि इससे भगवान शिव प्रसन्न होकर दीर्घायु का आशीर्वाद देते हैं।


शहद अभिषेक 

शिवलिंग का शहद से भी अभिषेक किया जाता है। मान्यता है कि इससे जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।


पंचामृत अभिषेक 

भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक किया जाता है। सावन मास में दूध दही मिश्री की और शहद के मिश्रण से तैयार पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इससे जीवन में धन संपदा में वृद्धि होती है।


घी अभिषेक 

शिवलिंग का घी से अभिषेक करने से भगवान भोलेनाथ आरोग्य का वरदान देते हैं। इससे शारीरिक रोगों से मुक्ति मिलती है।

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दही अभिषेक 

सावन में शिवलिंग का दही से अभिषेक करना बेहद फलदाई माना जाता है। मान्यता है कि दही से अभिषेक करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।


रूद्राभिषेक का महत्व 

भगवान शिव के प्रचंड रूपोही रूद्र कहा गया है। सावन में रुद्राभिषेक करना बेहद शुभ माना जाता है। रुद्राभिषेक में शिवलिंग पर मंत्रों के साथ विशेष चीज में अर्पित की जाती हैं। रुद्राभिषेक के दौरान रुद्राष्टाध्यायी के मंत्रों का पाठ किया जाता है। माना जाता है कि रुद्र अभिषेक करने से सभी मनोकामना जल्दी पूरी होती हैं। रुद्राभिषेक करने से कोई भी कष्ट है ग्रहों की पीड़ा जल्द ही दूर होती है।

 

- प्रिया मिश्रा 

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