By ऋषि तिवारी | Dec 26, 2019
हम कितने भी मॉडर्न क्यूँ ना हो जाएं लेकिन जब बात किसी अपने की होती है तो बिना मुहूर्त निकाले शादी करने की सोच भी नहीं सकते हैं। और तो और मुहूर्त के साथ लड़के-लड़की के गुण भी मिलाते हैं और यह भी पता लगाते हैं की कहीं नाड़ी दोष तो नहीं है। जी हाँ हम वही लोग हैं जो कितना भी पढ़ क्यों ना लें लेकिन हमें पता है कि हमारी संस्कृति में बताई गयी हर बात के पीछे एक साइंस है। शादी में गुण, नाड़ी या मुहूर्त जैसी चीजों का सम्बन्ध होना भी एक साइंस हैं।
लोगों की मानें तो मांगलिक व्यक्ति की शादी अगर गैर मांगलिक से होती है तो वैवाहिक जीवन में काफी परेशानियाँ आती हैं। कुछ लोग तो यहाँ तक भी कहते हैं की ऐसी शादी में जो गैर मांगलिक होता है उसकी मृत्यु तक हो सकती है, लेकिन ये बात पूरी तरीके से सही नहीं है। ये सच है कि जीवनसाथी के स्वास्थ्य पर असर जरूर पड़ता है अगर सच में आपकी कुंडली पर मंगल का प्रभाव है तो। हम आधी अधूरी जानकारी की वजह से हमेशा संशय में रहते हैं। इसलिए इस लेख में हम आपको विस्तार से बतायेंगे की कब मंगल दोष का दुष्प्रभाव होगा और कब नहीं।
इसे भी पढ़ें: भगवान पार्श्वनाथ को सिर्फ शास्त्रों में ही न पढ़ें, उनकी ज्ञान-राशि को जीवन में उतारें
गुण मिलेंगे तभी दो अजनबियों में सामंजस्य बनेगा और जिंदगी आसान बनेगी। इसी प्रकार मांगलिक और गैर मांगलिक का भी हमारी जिंदगी में काफी महत्व होता है। अब सबसे पहले बात आती है की हम कैसे जानें की हम मांगलिक हैं ? जब किसी की कुंडली में मंगल बारहवें लग्न, प्रथम, दूसरे, चौथे, सातवें और आठवें भाव पर होता है तो व्यक्ति मांगलिक होता है। मांगलिक होना कोई इतनी बड़ी बात नहीं होती है जितना इसे ज्योतिष लोग बढ़ा चढ़ाकर बताते हैं ।
अक्सर लोग समझते हैं की मांगलिक होना गलत बात है यह एक मिथ्या है। मंगल दोष वाले प्रायः निडर और निर्भीक होने के साथ-साथ सेल्फ रिस्पेक्ट वाले होते हैं। लेकिन अगर कुछ नियम बनें हैं तो उनके पीछे कुछ साइंस तो है ही जो अपना प्रभाव जरूर दिखाएगी। इसलिए आप कुछ केसेज़ में मांगलिक की शादी गैर मांगलिक से करा सकते हैं।
इसे भी पढ़ें: कालाष्टमी की पूजा से होती है सभी मनोकामनाएं पूरी
अगर आप मांगलिक हैं और आपकी शादी गैर मांगलिक से हुई है तो आपकी कुंडली के हिसाब से मंगल जिस भाव में होगा वैसा प्रभाव डालेगा। आइये जानते हैं कि किस भाव में मंगल के रहने से क्या प्रभाव पड़ता है?
इसे भी पढ़ें: जानिए क्या है धार्मिक स्वतंत्रता और संविधान के किन अनुच्छेदों में है इनका उल्लेख
मंगल दोष दूर करने के लिए कुछ अचूक उपाय हैं जो व्यक्ति को काफी परेशानियों से बचाते हैं, जैसे-
इसे भी पढ़ें: जानिए साल 2020 के वो मूहूर्त जिस दिन विवाह करना होगा शुभ
बहुत बार ऐसा भी होता है जब मंगल पहले, दूसरे, चौथे, सातवें, आठवें या बराहवें भाव में होता है लेकिन फिर भी इंसान मांगलिक नहीं होता क्योंकि बहुत से ऐसे कारक होते हैं जिनके प्रभाव से मंगल दोष नष्ट हो जाता है। वो कारक जो मंगल दोष को नष्ट करते हैं वो निम्न प्रकार के होते हैं-
इसके अलावा अगर कुंडली में मंगल दोष है और कुंडली में उसी भाव में मंगल के सामने शनि, बृहस्पति, राहू या केतू विद्दमान हैं तो मांगलिक दोष खुद ही खत्म हो जाता है। ऐसे में मांगलिक इंसान की शादी गैर मांगलिक से हो सकती है।
- ऋषि तिवारी