क्या फाइजर और मॉर्डना वैक्सीन के बाद दिल में आती है सूजन ? मामले की चल रही जांच

By अनुराग गुुप्ता | Jun 25, 2021

न्यूयॉर्क। कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ वैक्सीनेशन ही सबसे बड़ा हथियार है और दुनिया के तमाम देश इस समय वैक्सीनेशन पर ध्यान दे रहे हैं। लेकिन इसी बीच एक ऐसी जानकारी सामने आई है जो आप लोगों को हैरान कर सकती है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक फाइजर और मॉडर्ना जैसी वैक्सीन लगवाने वाले लोगों में दिल में सूजन जैसी समस्या देखने को मिली है। हालांकि इन वैक्सीन के फायदे ज्यादा हैं। ऐसे में 12 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लेना चाहिए। 

इसे भी पढ़ें: पाकिस्तान फाइजर कोरोना टीके की 1.3 करोड़ खुराकें खरीदेगा 

अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) और सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने किशोरों और वयस्कों के दिल में सूजन जैसी समस्या को लेकर समीक्षा बैठक की। इस रिपोर्ट में कहा गया कि किशोरों और वयस्कों में mRNA की वैक्सीन में संभावित समस्याएं देखने को मिली हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक दिल में सूजन वाले रोगी आमतौर पर ठीक हो जाते हैं। हालांकि दिल की समस्या और एमआरएनए वैक्सीन के बीच के संबंधों की संभावना का आंकलन करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है। आपको बता दें कि सीडीसी कई महीनों से युवाओं के दिल की सूजन जैसी समस्या की जांच कर रही है। अमेरिका में अप्रैल माह से अबतक इस तरह के हजार से ज्यादा मामले और 21 जून तक मायोकार्डिटिस के 616 मामले सामने आए हैं। 

इसे भी पढ़ें: अमेरिका वैश्विक रूप से साझा करने के लिए फाइजर के टीके की 50 करोड़ खुराकें खरीदेगा 

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि इलाज के बाद मायोकार्डिटिस के मरीज तेजी से रिकवर हुए हैं। इस दौरान सीडीसी ने 30 साल से कम उम्र के लोगों को सतर्क करते हुए कहा कि वैक्सीन लगवाने के एक सप्ताह के भीतर मायोकार्डिटिस के लक्षण दिखने पर तुरंत ही चिकित्सा सहायता लें। आपको बता दें कि मायोकार्डिटिस की वजह से युवाओं को छाती में दर्द, तेज धड़कन और सांस लेने में कठिनाई जैसी परेशानी हो रही है। ऐसे में उन्हें तुरंत ही चिकित्सा सहायता लेना चाहिए।

फाइजर वैक्सीन की एकल खुराक 60 फीसदी प्रभावी

एक रिपोर्ट के मुताबिक फाइजर और एस्ट्रोजेनेका वैक्सीन की एकल खुराक 65 साल और इससे अधिक उम्र के लोगों को सार्स-कोव-2 संक्रमण के खिलाफ लगभग 60 फीसदी सुरक्षा उपलब्ध कराती है। ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के अनुसंधानकार्तओं द्वारा किए गए अध्ययन की रिपोर्ट पत्रिका ‘लैंसेट इन्फेक्शस डिज़ीज़’ में प्रकाशित हुई है। अध्ययन में 65 साल और इससे अधिक आयु के लोगों को शामिल किया गया। यह अध्ययन सार्स-कोव-2 का डेल्टा स्वरूप सामने आने से पहले पूरा हो गया था। 

इसे भी पढ़ें: बहरीन में चीनी टीके लगवाने वाले कुछ लोगों को फाइजर की बूस्टर डोज लगेगी 

अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि फाइजर और एस्ट्रोजेनेका वैक्सीन की एकल खुराक 65 साल और इससे अधिक उम्र के लोगों को सार्स-कोव-2 संक्रमण के खिलाफ लगभग 60 प्रतिशत सुरक्षा उपलब्ध कराती है।

प्रमुख खबरें

गाजा के जबालिया में इजरायल की चढ़ाई, हमास ने राफा में टैंकों पर किया हमला

Andhra Pradesh के मुख्यमंत्री Jagan Mohan Reddy परिवार के साथ विदेश यात्रा पर

Orissa में प्रधानमंत्री Narendra Modi के काम से संतुष्ट दिखे लोग, पिछड़े, गरीब, महिला समेत सभी वर्गों की हितैषी सरकार कहा

Chhattisgarh: एक ही परिवार के पांच सदस्यों समेत छह लोगों का शव बरामद