अंतरराष्ट्रीय मामलों में जानकारी होने के अलावा कई भाषाओं के जानकार थे डॉ. वेद प्रताप वैदिक

By अनन्या मिश्रा | Mar 14, 2023

भारतीय पत्रकारिता में अपनी एक अलग पहचान स्थापित करने वाले वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेदप्रताप वैदिक का 14 मार्च 2023 को मंगलवार को निधन हो गया। बता दें कि वह गुरुग्राम स्थित आवास में मंगलवार की सुबह नहाने के लिए बाथरूम में गए थे। जब वह काफी देर तक बाथरूम से बाहर नहीं आए तो करीब साढ़े 9 बजे के आसपास परिवार के अन्य सदस्यों ने अनहोनी की आशंका के चलते दरवाजा तोड़ा। उस दौरान वह बाथरूम में बेसुध हालत में पड़े मिले। जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। आइए जानते हैं उनकी जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें...


जन्म और शिक्षा

डॉ. वेदप्रताप वैदिक का जन्म 30 दिसंबर 1944 को मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ था। उनका इंदौर से गहरा नाता रहा था। बता दें कि वैदिक जी की अंतरराष्ट्रीय मामलों में जानकारी होने के अलावा कई भाषाओं के जानकार थे। उन्हें रुसी, फारसी, जर्मन और संस्कृत भाषा का अच्छा ज्ञान था। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज अंतरराष्ट्रीय राजनीति में पीएचडी की थी। वह पहले शख्‍स थे, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय राजनीति का शोध-ग्रंथ हिन्दी में लिखा था। 


करियर

वैदिक जी एक राजनीतिक विश्लेषक थे। वैदिक जी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई के हिंदी उपक्रम भाषा की स्थापना की थी। इसके अलावा वह इसके संपादक भी थे। उन्होंने अन्य कई संस्थानों में भी संपादक के तौर पर काम किया था। बता दें कि वेद प्रताप वैदिक ने साल 2014 में आतंकी हाफिज सईद का इंटरव्यू किया था। जिस पर काफी विवाद भी हुआ था और वैदिकजी का यह इंटरव्यू पूरे देश में काफी चर्चाओं में रहा था। पिछले कुछ सालों से वह लग-अलग समाचार पत्रों में लेख लिखने का काम कर रहे थे। वह लगातार पत्रकारिता में सक्रिय बने हुए थे। 

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विवाद

बता दें कि आतंकी हाफिज सईद का इंटरव्यू कर वह वापस भारत लौटे थे तो वह विवादों में भी फंस गए थे। उन्होंने भारत लौटने के दौरान कहा था कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान जाते हैं तो उनका भव्य और शानदार स्वागत नहीं किया जाएगा। इस बयान के बाद उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला भी दर्ज किया गया था।


उपलब्धियां

पत्रकारिता के क्षेत्र में शानदार काम किए जाने के लिए वैदिक जी को कई पुरुस्कारों से भी सम्मानित किया गया था। उनके अच्छे प्रदर्शन के लिए साल 2003 में विश्व हिंदी सम्मान, 2007 में महात्मा गांधी सम्मान, पुरुषोत्तम टंडन स्वर्ण-पदक, गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार, दिनकर शिखर सम्मान, मीडिया इंडिया सम्मान, लाला लाजपतराय सम्मान, हिन्दी अकादमी सम्मान, लोहिया सम्मान और काबुल विश्वविद्यालय पुरस्कार आदि से सम्मानित किया गया था।

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