सतत विकास की प्रक्रिया को बाधित करेगा EIA-2020 का मसौदा: भूपेश बघेल

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 14, 2020

नयी दिल्ली। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) अधिसूचना के मसौदे को लेकर आपत्ति जताई और कहा कि यह मसौदा सतत विकास की प्रक्रिया को बाधित करेगा। बघेल ने पत्र में कहा, ‘‘मैं पर्यावरण मंजूरी देने की नयी प्रक्रिया को कारोबार की सुगमता से जोड़ने के आपके उद्देश्य को समझता हूं, लेकिन ईआईए-2020 के मसौदे के प्रावधान पर्यावरणीय न्यायशास्त्र के अनुरूप नहीं हैं और ये सतत विकास एवं ईआईए प्रक्रिया के अपने उद्देश्यों को पूरी नहीं करता है।’’ आधिकारिक बयान के अनुसार, उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि इस मसौदे में पर्यावरण मंजूरी देने के संबंध में प्रदेश सरकार के विचारों और राय को शामिल नहीं किया गया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘ ईआईए-2020 के मसौदे में कोई ऐसा प्रावधान नहीं है, जो अनुसूची पांच और छह के तहत संवैधानिक अधिकारों की गारंटी देता हो। इसमें पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए आवश्यक संवेदनशीलता को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया है।’’ 

इसे भी पढ़ें: जयराम रमेश ने पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन मसौदा 2020 को लोकतंत्र-विरोधी और फासीवाद से प्रेरित करार दिया

उन्होंने उम्मीद जताई कि ईआईए अधिसूचना- 2020 के प्रारूप को अंतिम रूप देने से पहले उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा। गौरतलब है कि पर्यावरण मंत्रालय ने इस साल मार्च में ईआईए के मसौदे को लेकर अधिसूचना जारी की थी और इस पर जनता से सुझाव मांगे गए थे। इसके तहत अलग-अलग परियोजनाओं के लिए पर्यावरण मंजूरी देने के मामले आते हैं।

प्रमुख खबरें

SP ने आतंकवादियों के खिलाफ मुकदमे वापस लेने की कोशिश की, राम का अपमान किया: Adityanath

तापीय बिजली संयंत्रों के पास मानक के मुकाबले 68 प्रतिशत कोयले का भंडार: सरकारी आंकड़ा

इस सप्ताह तीन कंपनियां लाएंगी IPO, 6,400 करोड़ रुपये जुटने की उम्मीद

दो साल में आवास ऋण बकाया 10 लाख करोड़ रुपये बढ़ा : RBI आंकड़े