By अनन्या मिश्रा | Feb 08, 2025
कुलिक कालसर्प दोष के प्रभाव
कुलिप कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को सफलता देर से मिलती है। कई बार ऐसे जातकों को अपनी मेहनत के अनुसार फल भी नहीं मिलता है। ऐसा व्यक्ति मानसिक तनाव से पीड़ित रहता है और मन में हमेशा नकारात्मक विचार चलते रहते हैं। वहीं जीवन में जातक को ढेर सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
कब बनता है कुलिक कालसर्प दोष
कुंडली में राहु के दूसरे भाव में विराजमान होने और केतु के 8वें भाव में रहने पर कुलिक कालसर्प दोष बनता है। इस दौरान दोनों मायावी ग्रह के मध्य सभी शुभ और अशुभ ग्रह रहते हैं। इस स्थिति में कुलिक कालसर्प दोष होता है। आसान भाषा में समझा जाए तो राहु के दूसरे और केतु के 8वें भाव में रहने के साथ सभी शुभ और अशुभ ग्रह इन दोनों ग्रहों के मध्य में रहते हैं। तब व्यक्ति को कुलिक कालसर्प दोष लगता है। जिसका निवारण करना बेहद जरूरी होता है।
उपाय
ज्योतिषियों की मानें, तो कुलिक कालसर्प दोष लगने पर निवारण ही विकल्प है। हालांकि सामान्य उपाय कर इस दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है। अमावस्या तिथि पर इस दोष का निवारण कराना सबसे उत्तम होता है। इस दोष के प्रभाव को कम करने के लिए रोजाना स्नान आदि के बाद महादेव की पूजा करें और भोलेनाथ का अभिषेक जरूर करें। इसके साथ ही महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। वहीं गरीबों को धन, जल, अन्न और वस्त्र आदि का दान करें।