यह कैसा कानून? बेटी के हाथों मां को दिलवाई गई फांसी की सजा, 13 साल बाद हुई थी मुलाकात

By निधि अविनाश | Aug 31, 2022

ईरान से लेकर सऊदी अरब, यहां के कड़े कानून हमेशा ही सुर्खियों में बने रहते है। हाल ही में एक ऐसा मामला ईरान से सामने आया है जिसे सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां एक महिला को उसकी ही बेटी के हाथों से फांसी की सजा दिलवाई है। जिस महिला को फांसी की सजा मिली है उस पर अपने पति की हत्या का आरोप लगा हुआ था और वो 13 सालों से जेल की सजा काट रही थी। साल 2009 में मरियम करीमी नाम की एक महिला ने अपने पति की हत्या कर दी थी। महिला के मुताबिक, उसका पति उस पर बहुत जुल्म करता था, उसे मारता-पीटता था। मरियम के पिता ने अपने दामाद को काफी समझाने की कोशिश की लेकिन उसमें कोई बदलाव नहीं आया।

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इसके बाद मरियम के पिता ने दामाद को अपनी बेटी को तलाक देने के लिए भी कहा लेकिन वह उसके लिए भी राजी नहीं हुआ। इन सबसे परेशान होकर मरियम ने अपने पिता के साथ मिलकर अपने पति को जान से मारने की साजिश रची। जिस समय मरियम ने अपने पति की हत्या की थी तब उसकी बेटी महज 6 साल की थी। पुलिस ने मरियम और उसके पिता को अरेस्ट कर लिया था और उसकी बच्ची को दादा-दादी साथ ले गए थे और बताया कि उसके माता-पिता की मौत हो गई है। ट

शरिया कानून के तहत मरियम और उसके पिता को सजा-ए-मौत दी गई। लेकिन फांसी की सजा से पहले ही मरियम के पिता की नैचुरल मौत हो गई। इसके बाद मरियम को फांसी की सजा देने की तैयारी की गई। लेकिन इसमें काफी देरी होती रही। 22 फरवरी 2022 को मरियम को उस जेल में शिफ्ट किया गया जहां उसे फांसी दी जानी थी लेकिन वहां भी देरी हुई। बता दें कि कुछ समय पहले ही मरियम को फांसी दी गई और इसे देने के लिए उसकी बेटी को बुलाया गया।

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ईरान वायर की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस मरियम को तख्ते पर चढ़ाई हुई थी और गले में फंदा डाल रखा था। कुर्सी पर मरियम खड़ी थी और उसी दौरान उसकी बेटी को कुर्सी पर लात मारने को कहा गया लेकिन बेटी तैयार नहीं हुई। जेल प्रशासन ने जबरन बेटी से कुर्सी पर लात मारने को कहा ताकि मरियम फंदे पर लटक जाए। मरियम की बेटी को पुलिस और प्रशासन के दबाव में वैसा ही करना पड़ा जैसा की उससे कहा गया था। मरियम की मौत के 4 महीने बाद उसे फांसी पर लटकाने की खबर सामने आई और इसके बाद ईरान में इन कानूनों को बदलने की मांग तेजी से बढ़ गई। ईरान के इस्लामिक कानून के मुताबिक हत्या के मामले में सरकार और प्रशासन की जगह मारे गए व्यक्ति के परिवार वालों को यह तय करने का अधिकार है कि कातिल को क्या सजा दी जाए।

इसमें सबसे बर्बर तरीका है किसास (qisas), इसे आंख के बदले आंख या खून का बदला खून कहा जाता है। इसके अलावा यहां ‘ब्लड मनी’ का भी कानून है। ब्लड मनी में मारे गए शख्स के परिवार वाले एक तय रकम कातिल से लेकर उसे माफ कर देते हैं। इसमें भी बेटी से ही सजा दिलाई गई लेकिन सवाल ये उठता है कि फांसी की सजा किसने तय की थी।

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