कृषि, विनर्माण क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन से आर्थिक वृद्धि दर पांच साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंची

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 01, 2019

नयी दिल्ली। देश के कई हिस्सों में शुक्रवार को लू का और प्रकोप बढ़ा। जम्मू कश्मीर, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में इस मौसम का सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया। वहीं, श्रीगंगानगर में पारा 50 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया। राष्ट्रीय राजधानी में इस मौसम का सबसे अधिक तापमान (44.8 डिग्री सेल्सियस) दर्ज करते हुये भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को उच्चतम ‘लाल रंग’ की चेतावनी जारी की है। मौसम की जानकारी देने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट वेदर ने बताया कि दिल्ली के चाणक्यपुरी इलाके में अधिकतम तापमान 47 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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आईएमडी ने कहा कि लू का प्रकोप दो जून तक तबतक बना रहेगा जब तक कि बंगाल की खाड़ी से बहने वाली पूर्वी हवाएं उत्तर प्रदेश से होती हुई दिल्ली नहीं पहुंच जाती। श्रीगंगानगर में मई महीने में तापमान 49.6 डिग्री सेल्सियस पहुंचने से 75 साल का रिकार्ड टूट गया। जबकि चुरू में तापमान 48.5 डिग्री सेल्सियस और बीकानेर में तापमान46.6 दर्ज किया गया। आईएमडी ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में भी मौसम का सबसे अधिक गर्म दिन दर्ज किया गया। ऊना में तापमान 44.7 डिग्री सेल्सियस रहा। शिमला के मौसम विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह ने पीटीआई-भाषा को बताया,‘‘ हम तीन महीनों मार्च, अप्रैल और मई को गर्मी का मौसम मानते हैं और 31 मई इस पहाड़ी राज्य में सबसे अधिक गर्म दिन रहा।’’ उन्होंने कहा कि आने वाले दिनो में भी लू से राहत मिलने की कोई आशा नहीं है।

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लू तब घोषित की जाती है जब दो दिन लगातार तक 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान बना रहता है। जम्मू में भी मौसम का सबसे अधिक गर्म दिन दर्ज किया गया।यहां पर पारा 44 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। आईएमडी ने बताया कि मानसून के इस बार उत्तर और दक्षिण भारत में सामान्य से कम रहने की संभावना है। विभाग ने कहा कि आमतौर पर माना जाता है कि अल-निनो मानसून पर अपना असर डालती है, जिसका असर बारिश के मौसम में जारी रहेगा। जुलाई में मानसून सामान्य से कम रहने की संभावना है जबकि अगस्त में यह सामान्य रहेगा। मानसून के केरल तट के छह जून को पहुंचने की उम्मीद है। जबकि सामान्य तौर पर मानसून एक जून को यहां पहुंचता है। सामान्य से कम मानसून होने की दशा में गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में सूखे जैसे हालात बन सकते हैं। 

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