By रेनू तिवारी | Jul 30, 2025
छत्तीसगढ़ में 500 करोड़ रुपये का चिकित्सा आपूर्ति घोटाला उजागर हो रहा है। माना जा रहा है इस स्कैम में कई बड़े लोगों ने मोटी रकमें अपनी जेब में भरी है। इस घोटाले की जानकारी जब जांच ऐजेंसियों को हुई तो उन्होंने मामले की जांच के लिए छापेमारी की। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 500 करोड़ रुपये से ज्यादा के चिकित्सा आपूर्ति घोटाले की धन शोधन जांच के तहत बुधवार को छत्तीसगढ़ में कई स्थानों पर छापे मारे। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि रायपुर, दुर्ग और आसपास के इलाकों में कुछ सरकारी अधिकारियों, चिकित्सकीय सामान के आपूर्तिकर्ताओं और एजेंट के अलावा कुछ ‘‘बिचौलियों’’ से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है।
धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत ईडी की जांच अप्रैल में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो/आर्थिक अपराध शाखा (एसीबी/ईओडब्ल्यू) द्वारा छह व्यक्तियों के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र से संबंधित है जिसमें 2023 में चिकित्सा उपकरणों और रासायनिक रसायनों की खरीद में कथित अनियमितताओं से राज्य के खजाने को 550 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचने का आरोप लगाया गया है।
एसीबी/ईओडब्ल्यू ने 22 जनवरी को रायपुर स्थित राज्य सरकार द्वारा संचालित छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससीएल) और स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के अधिकारियों के साथ-साथ चार कंपनियों मोक्षित कॉर्पोरेशन (दुर्ग), सीबी कॉर्पोरेशन (दुर्ग), रिकॉर्ड्स एंड मेडिकेयर सिस्टम एचएसआईआईडीसी (पंचकुला, हरियाणा) और श्री शारदा इंडस्ट्रीज (रायपुर) के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
ऐसा आरोप है कि इस घोटाले में स्वास्थ्य केंद्रों में इन वस्तुओं की आवश्यकता/उपलब्धता की जांच किए बिना रासायनिक रसायनों और उपकरणों की खरीद की गयी। एसीबी/ईओडब्ल्यू ने कहा था कि सीजीएमएससीएल ने मोक्षित कॉर्पोरेशन और उसकी मुखौटा कंपनी के साथ मिलीभगत करके जनवरी 2022 से 31 अक्टूबर 2023 के बीच अरबों रुपये की खरीदारी की है।