By Ankit Jaiswal | Oct 16, 2025
कर्मचारियों के भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने बेरोजगारी की स्थिति में फंड निकासी को लेकर स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। अब कोई कर्मचारी नौकरी छोड़ने के बाद अपने PF खाते की 75 प्रतिशत राशि तुरंत निकाल सकता है, जबकि पूरा 100 प्रतिशत फंड तभी निकाला जा सकेगा जब वह एक साल तक बेरोजगार रहे।
बता दें कि यह स्पष्टीकरण उस समय आया है जब EPFO ने पहले बेरोजगारी के दौरान समयपूर्व फंड निकासी की अवधि दो महीने से बढ़ाकर 12 महीने कर दी थी, जिससे सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई थी। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने कहा कि बार-बार निकासी करने से सेवा अवधि में रुकावट आती थी और कई पेंशन मामलों को खारिज करना पड़ता था। नए नियम से कर्मचारियों को बेहतर फाइनल सेटलमेंट राशि और परिवार के लिए आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
EPFO की 238वीं केंद्रीय न्यासी बोर्ड बैठक में निकासी नियमों को सरल बनाया गया और पहले की 13 श्रेणियों को घटाकर 3 श्रेणियां कर दी गई हैं — आवश्यक जरूरतें (बीमारी, शिक्षा, विवाह), आवास संबंधी जरूरतें और विशेष परिस्थितियाँ। अब सदस्य 75 प्रतिशत राशि तक निकाल सकते हैं, जबकि 25 प्रतिशत न्यूनतम बैलेंस के रूप में खाते में रहना अनिवार्य होगा। फाइनल पेंशन निकासी की न्यूनतम अवधि भी दो महीने से बढ़ाकर 36 महीने कर दी गई है।
शिक्षा और बीमारी जैसी आवश्यकताओं के लिए अब शिक्षा के लिए 10 बार और विवाह के लिए 5 बार आंशिक निकासी की अनुमति है। बीमारी और विशेष परिस्थितियों में वित्तीय वर्ष में 2-3 बार निकासी की अनुमति होगी। किसी आपात स्थिति में दो बार पूरी पात्र राशि निकाली जा सकती है।
मंत्रालय के मुताबिक, EPFO के आंकड़ों से पता चला है कि करीब 50 प्रतिशत सदस्यों के पास फाइनल सेटलमेंट के समय 20,000 रुपये से कम बचते हैं, और 75 प्रतिशत सदस्य चार साल के भीतर पेंशन निकाल लेते हैं। नए नियम इससे निपटने और कर्मचारियों की दीर्घकालिक आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायक हैं।