महीने भर बाद भी एक ही सवाल, कब और कैसे बनेगी महाराष्ट्र में सरकार?

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 18, 2019

नयी दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने सोमवार शाम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की, लेकिन सरकार गठन को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो सकी। मुलाकात के बाद पवार ने अपने पत्ते नहीं खोले और केवल इतना कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चर्चा नहीं हुई और सोनिया से यह मुलाकात उन्हें सिर्फ मौजूदा राजनीतिक हालात के बारे में जानकारी देने के लिए थी।

इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी और स्वाभिमानी शेतकारी संगठन जैसे उन छोटे दलों के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा जिन्होंने कांग्रेस-राकांपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। पवार की सोनिया से मुलाकात से पहले यह अटकले लगाई जा रही थीं कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत के बाद महाराष्ट्र में सरकार गठन की तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सोनिया से मुलाकात के बाद पवार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार गठन के बारे में चर्चा नहीं की। हमने सिर्फ राज्य में राजनीतिक हालात के बारे में चर्चा की।’’उन्होंने यह भी कहा कि सोनिया के साथ मुलाकात के दौरान साझा न्यूनतम कार्यक्रम को लेकर भी बात नहीं की गई।पवार ने कहा कि हम समाजवादी पार्टी और स्वाभिमानी शेतकारी संगठन जैसी उन सभी पार्टियों के साथ चर्चा करना चाहते हैं जिन्होंने हमारे साथ चुनाव लड़ा था। उन्होंने कहा, ‘‘हम हालात पर नजर रखे हुए हैं। हम दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा करेंगे और उनकी राय लेंगे। इसके आधार पर हम भविष्य को लेकर फैसला करेंगे।’’

इसे भी पढ़ें: PM मोदी ने की NCP की जमकर तारीफ, बदल सकता है महाराष्ट्र का सियासी गणित

इस मुलाकात के बाद कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘‘शरद पवार ने आज कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात की और महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात के बारे में उन्हें अवगत कराया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह निर्णय लिया गया कि अगले एक या दो दिनों में राकांपा और कांग्रेस के प्रतिनिधि दिल्ली में फिर मिलेंगे जिसमें आगे के कदमों के बारे में चर्चा होगी।’’ सूत्रों का कहना है कि सोनिया और पवार की इस मुलाकात के बाद महाराष्ट्र में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन की सरकार के गठन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा हुई। अगले कुछ दिनों में सरकार गठन की तस्वीर पूरी तरह साफ होने की संभावना है। सोनिया और पवार की मुलाकात से पहले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और राज्य कांग्रेस के कई अन्य नेताओं ने पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ चर्चा की।  कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि पार्टी के केरल से ताल्लुक रखने वाले नेता महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ जाने के पक्ष में नहीं हैं क्योंकि उनके मुताबिक इससे दक्षिण भारत के इस महत्वपूर्ण राज्य में कांग्रेस को नुकसान हो सकता है।

उधर, शिवसेना लगातार इस बात पर जोर दे रही है कि राज्य में अगला मुख्यमंत्री उसका ही होगा। उसने यह दावा भी किया कि कि तीनों पार्टियां साझा न्यूनतम कार्यक्रम पर सहमत हो गई हैं।महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में राकांपा की तारीफ की। उन्होंने कहा कि राकांपा और बीजद (बीजू जनता दल) से हमें सीख लेना चाहिए क्योंकि उनके सदस्य कभी आसन के समक्ष नहीं आते।  उन्होंने कहा कि इन दोनों दलों से सत्ता पक्ष सहित सभी दलों को सीख लेनी चाहिए कि हम आसन के समक्ष आये बिना भी अपना राजनीतिक विकास कर सकते हैं। दूसरी तरफ, भाजपा के देश की सबसे अमीर नगरपालिका के चुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारने के निर्णय के बाद शिवसेना के पास मुंबई महापौर का पद बने रहना सोमवार को लगभग तय हो गया है। शिवसेना की उम्मीदवार किशोरी पेडणेकर ने 22 नवम्बर को होने वाले महापौर पद के चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस बीच, महाराष्ट्र में एक वैकल्पिक सरकार गठित करने की कवायद के बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 24 नवंबर को निर्धारित अयोध्या की अपनी यात्रा स्थगित कर दी है।गौरतलब है कि गत 24 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से नयी सरकार को गठन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।  भाजपा-शिवसेना को पूर्ण बहुमत मिला था, लेकिन बारी बारी से मुख्यमंत्री पद की शिवसेना की मांग को लेकर दोनों के रास्ते अलग हो गए। इसके बाद से शिवसेना, रांकापा और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की कवायद में जुटी हुई है। 

प्रमुख खबरें

Antony Blinken Saudi Arabia Visit: गाजा में जंगबंदी को लेकर सऊदी अरब और अमेरिका करेंगे पहल, ब्लिकंन ने की मुलाकात

KKR vs DC IPL 2024: दिल्ली कैपिटल्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच भिड़ंत, यहां देखें प्लेइंग 11

मुफ्त अनाज योजना से गुमराह न हो गरीब जनता, जनता के पैसे से दिया जाता है अनाज: Mayawati

वोट के जरिए अनुच्छेद-370 निरस्त करने पर अपनी नाखुशी जाहिर करें : Mehbooba Mufti