पाकिस्तान में आतंकी भी सुरक्षित नहीं! कश्मीर के हिज्बुल कमांडर को हमलावरों ने गोलियों से भूना, भारत के खिलाफ कई साजिशों में था शामिल

By रेनू तिवारी | Feb 22, 2023

भारत काफी समय से एक मोस्ट वांटेड आतंकवादी की तलाश में था, जिसके बारे में अब पता चल रहा है कि उसे पाकिस्तान में ही किसी ने मार डाला है। हिजबुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडर बशीर अहमद पीर उर्फ ​​इम्तियाज आलम की रावलपिंडी में एक दुकान के बाहर अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। बशीर अहमद पीर ने जम्मू कश्मीर में घुसकर बहुत आतंक मचाया था। कई बड़े आतंकी हमलों में भी बशीर का हाथ था। भारत सरकार ने इस आतंकी को मोस्ट वांटेड लिस्ट में डाल दिया था और खुफिया एंजेंसियां इसकी तलाश में थी। जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के बाबापोरा, अलोसा गांव का रहने वाला पीर एक कट्टर आतंकवादी कमांडर था, जिसने दो दशक पहले अपना ठिकाना पाकिस्तान में स्थानांतरित कर लिया था। उसे हिजबुल चीफ सैयद सलाहुद्दीन का करीबी माना जाता था। पाकिस्तान में पनाह के कारण अभी तक ये जिंदा था लेकिन अब पाकिस्तान में हालात ठीक नहीं हैं। गृह युद्ध जैसी स्थिति बनती जा रही हैं। सरकार के पास देश चलाने के लिए पैसा नहीं हैं। तालिबानी आतंकी जगह-जगह पर हमला कर रहे हैंष पेशावर में नमाज के दौरान अतंकी हमला हुआ था जिसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी थी। 

 

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हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख और नामित आतंकवादी सैयद सलाहुद्दीन को मंगलवार को पाकिस्तान के रावलपिंडी में बशीर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज आलम के जनाजे की नमाज पढ़ते हुए देखा गया। बशीर अहमद आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन का स्वयंभू कमांडर था। सोमवार को रावलपिंडी में अज्ञात हमलावरों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। गौरतलब हो कि बशीर अहमद जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के रहने वाले थे। हालाँकि वह 15 से अधिक वर्षों से पाकिस्तान में रह रहा था।


मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि अज्ञात हमलावरों ने रावलपिंडी में एक दुकान के बाहर पॉइंट ब्लैंक रेंज से हिजबुल कमांडर की गोली मारकर हत्या कर दी। पीर नियंत्रण रेखा के जरिए जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ पर नजर रखता था। भारत ने आतंकी गतिविधियों में उसकी भूमिका के लिए गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत 4 अक्टूबर, 2022 को अब मारे गए हिजबुल कमांडर को आतंकवादी घोषित किया। बशीर अहमद आतंकवादियों को एकजुट करने और हिजबुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा और अन्य आतंकवादी संगठनों की गतिविधियों के विस्तार में शामिल था।

 

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अगस्त 2019 में, मोदी सरकार ने किसी व्यक्ति को आतंकवादी के रूप में नामित करने के प्रावधान को शामिल करने के लिए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 में संशोधन किया था। इससे पहले, केवल संगठनों को आतंकवादी संगठनों के रूप में नामित किया जा सकता था।

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