पूर्व विधायक राजेशपति त्रिपाठी और ललितेशपति त्रिपाठी पर लगा फर्जी मुकदमा !

By आरती पांडेय | Jul 02, 2021

कांग्रेस नेताओं ने बताया कि 1971-72 में मूल पट्टाधारकों के उत्तराधिकारियों में से कुछ ने 229 बी. के तहत राजस्व रिकार्ड खतौनी में अपना नाम अंकित करवा लिया था। उसके विरुद्ध समिति खुद हाई कोर्ट गई थी। वहां समिति के पक्ष में निर्णय देते हुये अदालत ने 229 बी. में दर्ज सभी नाम अवैध ठहराये और हटा दिये। जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि ऐसे सभी अवैध कब्जे खाली करा कर समिति के अधीन सौंपे जाए। 

इसे भी पढ़ें: मेडिकल संस्थानों में IMS-BHU को मिला 72वां स्थान, निदेशक, चिकित्सक व कर्मचारियों में खुशी का माहौल 

कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री अजय राय तथा उ.प्र. कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष एवं पूर्व महामंत्री ने आज पराड़कर स्मृति भवन में पत्रकार वार्ता के बीच कहा है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने पद की शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए शासन के निर्देश से जिस तरह 14/15 जून की रात दो बजे पूर्व विधायकगण राजेशपति त्रिपाठी एवं ललितेशपति त्रिपाठी सहित 41 लोगों पर मिर्जापुर के मड़िहान थाने में अपराधिक एफआईआर दर्ज करवाया। वह पूर्णत: असत्य, आधारहीन, तथ्यहीन व कल्पित कहानी पर शुद्ध राजनीतिक दुर्भावना की कार्रवाई है। निहित उद्देश्य के राजनीतिक मंसूबे के लिये दबाव व भयादोहन द्वारा एक ऐसे प्रतिष्ठित परिवार को बदनाम एवं प्रताड़ित करना है, जिसकी आजादी की लड़ाई, उसके बाद चार पीढ़ी की बेदाग लोकतांत्रिक राजनीति एवं जनसेवा तथा सनातन पाण्डित्य की परंपरा से जुड़ी रही पारिवारिक साख की साफ सुथरी प्रतिष्ठा का एक लंबा इतिहास रहा है। 

इसे भी पढ़ें: बनारस में तैयार हो रहा है माइक्रो प्लान, ग्रीन पैच के लिए जमीन चिन्हित 

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि प्रतिष्ठित त्रिपाठी परिवार ने एक इंच भी जमीन पर न तो विधि विरुद्ध कोई कब्जा किया है और ना कोई विधि विरुद्ध काम। भूमि गोपालपुर सहकारी समिति लि. की है जिसे वर्ष 1951 में तत्कालीन जमींदार अमरेश चंद्र और नरेश चंद्र ने पंजीकृत इस्तमरारी पट्टे के माध्यम से समिति सदस्यों को बेचा, जिसे उसी वर्ष गोपालपुर संयुक्त सहकारी कृषि समिति लिमिटेड नाम की सोसायटी में समाहित किया गया था। वह समिति एवं भूमि आज तक पूर्ण विधिसम्मति ढंग से यथावत है, जिसका लगान हर वर्ष समिति सरकार को देती है। सहकारिता की स्थापित विधियों के अनुरूप समिति का चुनाव हमेशा सरकारी पर्यवेक्षक के सामने होता है और सरकारी सहकारी विधान के मानकों पर काम करती रही है।

प्रमुख खबरें

Assam Government ने एससी, एसटी और अन्य समुदायों को दो बच्चे के नियम से छूट दी

Vladimir Putin के डिनर पर Shashi Tharoo हुए शामिल, खड़गे-राहुल गांधी को न्योता नहीं? कांग्रेस ने लगाया सरकार पर प्रोटोकॉल उल्लंघन का आरोप

भारत वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर: Ram Nath Kovind

Ukraine Crisis को लेकर लगातार तीसरे दिन बैठक करेंगे अमेरिकी और यूक्रेनी अधिकारी