फिल्म अभिनेत्री अनुष्का शर्मा के बैनर की दूसरी फिल्म 'फिल्लौरी' ठीकठाक टाइम पास फिल्म है। अनुष्का ने इससे पहले 'एनएच 10 का निर्माण किया था और उसमें वही लीड रोल में थीं। इस सप्ताह प्रदर्शित फिल्लौरी में भी वही एक तरह से लीड रोल में हैं। कहानी थोड़ी हट कर है इसलिए दर्शकों को पसंद आएगी। निर्देशक की खास बात यह रही कि उन्होंने कहानी को पथ से भटकने नहीं दिया है और सभी कलाकारों से उनका सर्वश्रेष्ठ काम करवाने में सफल रहे हैं। पंजाब की अलग-अलग लोकेशन पर फिल्मायी गयी इस फिल्म का स्पेशल इफेक्ट्स और वीएफएक्स वर्क बहुत अच्छा है।
फिल्म की कहानी कनन गिल (सूरज शर्मा) और शशि (अनुष्का शर्मा) के इर्दगिर्द घूमती है। कनन तीन साल बाद कनाडा से पंजाब लौटा है क्योंकि घरवालों का उस पर शादी को लेकर बहुत दबाव था। वह अपनी बचपन की दोस्त अनु ( मेहरीन पीरज़ादा) से शादी करने वाला है और दोनों के घर में शादी वाला माहौल है तभी एक पंडित बताता है कि कनन की कुंडली में मांगलिक दोष है और इस दोष के निवारण के लिए उसकी शादी एक पेड़ से करानी होती है। शादी के बाद पेड़ को काट दिया जाता है तो उस पेड़ पर रहने वाली भूतनी शशि कनन के पीछे पड़ जाती है क्योंकि पेड़ से कनन की शादी होने के चलते वह उसको अपना पति मानने लगती है। अब वह जब तब कनन को दिखाई देने लगती है जिससे कनन का अपने ही घर में जीना मुश्किल हो जाता है। एक दिन शशि सूरज को बताती है बरसों पहले वह फिल्लौर गांव के गायक रूप लाल (दिलजीत दोसांझ) से प्यार करती थी। दोनों की शादी भी तय हो चुकी थी। शादी का मंडप सज चुका था लेकिन तभी कहानी ने कुछ ऐसा मोड़ लिया की रूप लाल के साथ उसकी शादी नहीं हो सकी।
अभिनय के मामले में अनुष्का सब पर हावी रहीं। अपनी फिल्म होने के चलते उन्हें फुटेज भी ज्यादा मिली और वह खुल कर काम कर पायी हैं। उनका काम दर्शकों को पसंद आएगा। दिलजीत दोसांझ भी अपनी भूमिका में फिट रहे। सूरज शर्मा ने भी अपने रोल में जान डाल दी है। अन्य सभी कलाकारों का काम भी अच्छा है। फिल्म का गीत-संगीत ठीकठाक है खासकर मिका सिंह के गाये गाने का फिल्मांकन बहुत अच्छा हुआ है। निर्देशक अशांई लाल दर्शकों का मनोरंजन करने में सफल रहे हैं।
कलाकार- अनुष्का शर्मा, दिलजीत दोसांझ, सूरज शर्मा, मेहरीन पीरज़ादा और निर्देशक- अंशाई लाल।
प्रीटी