By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 24, 2016
हेलसिंकी। फिनलैंड के रक्षा मंत्री ने कहा है कि वह बाल्टिक सागर क्षेत्र में रूसी मिसाइलों की तैनाती को एक प्रत्यक्ष खतरे के तौर पर नहीं देखते। हालांकि उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि इस कदम और उसके जवाब में उठाए गए कदमों के कारण ‘‘ऐसा कुछ हो सकता है, फिर चाहे वह संयोगवश ही क्यों न हो।’’ बुधवार को फिनिश संसद में यूरोप और रूस पर हुए सेमिनार से इतर बोलते हुए रक्षा मंत्री जुसी नीनिस्तो ने कहा कि मिसाइलों से जुड़ी ऐसी ही गतिविधियां पहले भी हुई हैं और तब क्षेत्र के देश स्थिति पर करीबी नजर रखते थे।
नीनिस्तो ने फीनिश एमटीवी3 न्यूज को साक्षात्कार देते हुए कहा, ‘‘स्वाभाविक तौर पर हम नरमी का समर्थन करते हैं और हम स्थिरता की सक्रिय नीति का पालन करते हैं। हम बाल्टिक सागर में सैन्य स्थिति को बढ़ने के बजाय शांत होते देखना चाहते हैं।’’ सोवियत शासन के तहत लगभग पांच दशक गुजार चुके बाल्टिक देशों एस्टोनिया, लात्विया और लिथुआनिया और उनके गुटनिरपेक्ष पड़ोसी फिनलैंड और स्वीडन में घबराहट देखी जा रही है क्योंकि रूस ने बाल्टिक सागर क्षेत्र में अपने सैन्य बल का प्रदर्शन किया है। नाटो ने भी क्षेत्र में अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ा दी है और यह संकल्प लिया है कि यदि उसके बाल्टिक सदस्यों पर खतरा पैदा होता है तो वह उनकी रक्षा करेगा। अपने अन्य बाल्टिक साथियों के साथ ही फिनलैंड और स्वीडन यूरोपीय संघ के सदस्य देश हैं और अगर बाल्टिक क्षेत्र के देशों को रूस की तरफ से कोई खतरा पैदा होता है तो उन्हें मदद के लिए बुलाया जा सकता है। फिनलैंड और रूस के बीच 1,300 किलोमीटर लंबी साझा सीमा है।